प्रदेश में खाद वितरण व्यवस्था को लेकर CM डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देश, कैबिनेट में डेटा सेंटर हब बनाने पर भी चर्चा

विकास सिंह

मंगलवार, 22 जुलाई 2025 (16:06 IST)
प्रदेश में खाद वितरण व्यवस्था को लेकर CM डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देश, डेटा सेंटर हब बनाने पर भी चर्चा
भोपाल। मध्यप्रदेश में बुआई के सीजन में किसानों को खाद की समस्या को लेकर मुख्यममंत्री डॉ. मोहन यादव ने चिंता व्यक्त की है। कैबिनेट की बैठक से पहले मंत्रियों के साथ चर्चा में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार के जिलों में खाद वितरण की व्यवस्था सुचारू रूप से करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होने वाले अनुपूरक बजट और वित्त विधेयकों पर भी चर्चा हुई। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने स्पेन और दुबई दौरे को लेकर जानकारी साझा की।

कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश में विश्वसनीय डेटा सेंटर्स बनाए जाने पर चर्चा हुई, जिसमें डेटा एक्सचेंज के साथ-साथ शोधकर्ता और नीति निर्माता भी शामिल होंगे। कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में सबसे बड़े डेटा सेंटर बनाने को भी मंजूरी मिल गई है। यह एमपी के लिए बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में सीएम मोहन यादव ने दुबई और स्पेन की यात्रा में डेटा सेंटरों का दौरा किया था, ऐसे में एमपी में बनने वाला यह डेटा सेंटर एक सक्षम और सुरक्षित राज्य के लिए अहम माना जाता है.

-मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और प्रशासन को निर्देश दिए कि किसानों को बोवनी के समय खाद की कोई कमी या कालाबाजारी न हो एवं उन्हें समय पर गुणवत्तापूर्ण उर्वरक मिले।
-प्रदेश में विश्वसनीय आधुनिक डाटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा। यह डाटा सेंटर देश के अच्छे डाटा सेंटरो में से एक होगा।
-सावन में महाकाल की सवारी में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति दर्ज की गई। प्रशासन की बेहतर व्यवस्था की सराहना हुई और भविष्य में महाकाल यात्रा को पूरे देश में प्रतिष्ठित धार्मिक आयोजन बनाने का संकल्प लिया गया।
- मध्यप्रदेश में जैव विविधता संवर्धन, टाइगर रिजर्व और पचमढ़ी क्षेत्र को बायोस्फीयर घोषित करने के कार्यों पर जोर दिया गया। इन क्षेत्रों में पर्यटन एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।
-उज्जैन और ग्वालियर में लगने वाले मेलों (विक्रमोत्सव व्यापार मेला, राजमाता सिंधिया मेला) में ऑटोमोबाइल्स पर 50% टैक्स छूट का अनुमोदन किया गया।
-1960 में स्थापित गांधी सागर जल विद्युत गृह और मेवाड़ के राणा प्रताप जल विद्युत गृह के संयुक्त रूप से नवीनीकरण का निर्णय लिया गया। परियोजना के तहत कुल 1037 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें सरकार का 30% योगदान रहेगा।

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