भारत ने कोरोना की वैक्सीन बना ली और यह लोगों को लगना भी शुरू हो गई है, लेकिन साथ ही इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी सामने आ रही हैं, कोई इसके साइड इफेक्ट्स से डर रहा है तो कई दूसरे कारणों से घबरा रहे हैं। इन्हीं भ्रांतियों और आशंकाओं को दूर करने के लिए वेबदुनिया डॉट कॉम ने ऐसे डॉक्टरों से बात की, जिन्होंने वैक्सीन लगवाई। जनरल फिजिशियन डॉ संजय गुजराती एक ऐसे ही डॉक्टर हैं जिन्होंने वैक्सीन लगाकर अपने अनुभव हमारे साथ साझा किए।
सवाल: वैक्सीन को लेकर कुछ भ्रांतियां हैं, क्या वे सही हैं ? जवाब: देखिए, हर अच्छी चीज के बारे में कुछ भ्रांति या अफवाह होती है, लेकिन यह सिर्फ उन लोगों में होती है, जो इसके बारे में जानकारी हासिल नहीं करते हैं। डॉक्टरों को इसकी पूरी जानकारी होती है, इसलिए हमने यह वैक्सीन लगवा भी ली।
सवाल: क्या वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, इससे लोग क्यों डर रहे हैं ? जवाब: किसी को भी वैक्सीन से डरने की कोई बात नहीं है, यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
सवाल: वैक्सीन लगाने के बाद क्या लक्षण सामने आ सकते हैं? जवाब: वैक्सीन लेने के बाद सामान्य रूप से हल्का बुखार, सिर दर्द, जहां लगाई गई है वहां हल्की सूजन, या हाथ-पैर में कुछ दर्द हो सकता है। यह लक्षण 12 से 24 घंटों के लिए हो सकते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी को हो ऐसा हो।
सवाल: आपको किस तरह के साइड इफेक्ट हुए थे? जवाब: मुझे जहां वैक्सीन लगाई गई, वहां हल्की सूजन आ गई थी, लेकिन यह अपने आप ठीक हो गई, मुझे कोई दवाई लेने की जरुरत नहीं पड़ी।
सवाल: क्या ऐसे साइड इफेक्टस के लिए दवाई लेना होती है?
जवाब: पहली बात तो यह है कि ऐसे इफैक्ट्स सभी में नहीं होते, होते भी हैं तो यह सेल्फ लिमिटिंग हैं, यानी अपने आप ठीक हो जाते हैं।
सवाल: वैक्सीन लेने के बाद हमें क्या सतर्कता बरतनी चाहिए?
जवाब: इसके बाद व्यक्ति अपने रुटीन काम जारी रख सकता है, सामान्य तरीके से रहे। कोई दिक्कत नहीं है
सवाल: भारत की इस वैक्सीन क्यों भरोसा किया जाना चाहिए?
जवाब: देखिए, यह कोविशिल्ड नाम की वैक्सीन है, जिसे सिरम इंस्टीयूट ऑफ इंडिया ने बनाया है। यह तीन चरणों पर खरी उतरकर बाजार में आई है। इसके काफी रिसर्च के बाद बनाया गया है।
सवाल: विदेशो की वैक्सीन और हमारी वैक्सीन में क्या फर्क है?
जवाब: विदेशों में वैक्सीन है, जिसे माइनस 70 डिग्री में संभालना और स्टोर करना पड़ता है, दरअसल वो आरएनए बेस्ड वक्सीन है। उसे स्टोर करने के लिए बहुत संसाधनों की जरुरत होती है। हमारी यह वैक्सीन वेक्टर बेस्ड है, इसे इतने संसाधनों की जरुरत नहीं। इसे हमारे यहां के लोगों की हेल्थ और परिस्थिति के मुताबिक तैयार किया गया है। इसलिए यहां यही कारगर है। इसके साइड इफेक्ट भी बहुत कम बल्कि न के बराबर हैं
सवाल: क्या इसके दो डोज लगेंगे?
जवाब: हां, पहला लगाने के चार हफ्तों के बाद दूसरा लगाया जाता है।
सवाल: क्या वैक्सीन के बाद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन बंद कर देना चाहिए?
जवाब: बिल्कुल नहीं, वैक्सीन के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग करीब डेढ़ महीने तक बेहद जरुरी है।
सवाल: मुरादाबाद की एक रिपोर्ट पढ़ी थी कि वैक्सीन लगाने के दूसरे दिन एक स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो गई, कितनी सच्चाई है? जवाब: अगर पानी पीने या आइस्क्रीम खाने के बाद किसी की मौत हो जाए तो क्या यह कह सकते हैं कि उसकी मौत यह खाने की वजह से हुई! हालांकि बाद में रिपोर्ट आई थी कि उस स्वास्थ्यकर्मी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी।