सुधाकर ने कहा कि मैसुरु में एक मरीज डेल्टा प्लस स्वरूप से संक्रमित है जिसे हमने अलग कर दिया है, लेकिन उसमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उसके संपर्क में आया कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं है, जो एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए स्वरूपों को लेकर सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है और राज्य में 6 जीनोम प्रयोगशालाएं स्थापित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख से 2 लाख कोविड-19 जांच की जा रही है।(भाषा)