एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि अभी तक 18 से 59 साल की 77.10 करोड़ पात्र आबादी में से एक प्रतिशत से भी कम को एहतियाती खुराक दी गई हैं। हालांकि, 60 साल से अधिक उम्र के 16.80 करोड़ लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे के कर्मियों में से 25.84 प्रतिशत लोग एहतियाती खुराक ले चुके हैं।
एक अधिकारी ने पहले कहा था, 'भारत की अधितर आबादी ने नौ महीने पहले अपनी दूसरी खुराक लगवा ली थी। आईसीएमआर और अन्य अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों में किए गए अध्ययनों के अनुसार, टीके की दो शुरुआती खुराक लेने के बाद लगभग छह महीने में एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है और एहतियाती खुराक लेने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।'
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को हुई बैठक में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न यात्रा मार्गों, साथ ही कार्यालय परिसरों, रेलवे स्टेशन, स्कूल और कॉलेज में विशेष टीकाकरण शिविर लगाने का आग्रह किया था, ताकि 18 वर्ष तथा उससे अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक दी जा सके।
राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को चार धाम यात्रा, अमरनाथ यात्रा, कांवड़ यात्रा के मार्गों पर और बड़े मेलों तथा सम्मेलनों में भी विशेष टीकाकरण शिविर लगाने का सुझाव दिया गया है।