ग्राउंड रिपोर्ट : कानपुर में कहीं पसरा सन्नाटा तो कहीं सड़कों पर घूम रहे लोग...

अवनीश कुमार
रविवार, 26 अप्रैल 2020 (11:45 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में अभी तक कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 संक्रमण के 151 मरीज सामने आए हैं, जिसमें 7 स्वस्थ हुए हैं, जबकि 3 लोगों की मौत हो चुकी है और लॉकडाउन को एक माह पूरा हो चुका है।एक माह पूरा होने के बाद कानपुर प्रशासन के द्वारा किस प्रकार से लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है, इसको लेकर 'वेबदुनिया' ने जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की, आइए, आपको बताते हैं...उत्तर प्रदेश के कानपुर में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन कितना सख्त है, किस प्रकार से कोरोना की महामारी से लोगों को बचाने के लिए कार्य कर रहा है।

क्या है जमीनी हकीकत : उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोना महामारी का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है और जिसके चलते स्वास्थ्य महकमे से लेकर जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है लेकिन लॉकडाउन का पालन कराने को लेकर पुलिस प्रशासन कुछ खासा करते नजर नहीं आ रहा है, कहीं तो सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है तो कहीं लोग घरों से निकलकर घूमते-टहलते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन की तरफ से होम डिलीवरी से लेकर डोर टू डोर तक की व्यवस्थाएं की गई हैं।

कानपुर के हॉटस्पॉट इलाकों को अगर छोड़ दें तो कानपुर के अन्य इलाकों में सुबह सड़कों पर लोगों की चहल-पहल साफतौर पर देखी जा सकती है लेकिन दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है।अगर कानपुर की सीमाओं की बात करें वहां पुलिस का सख्त पहरा है, ना तो कोई कानपुर से जल्द ही बाहर जा सकता है और ना ही कोई आसानी से अंदर आ सकता है।

आने और जाने के लिए बेहद कड़ी निगरानी से होकर लोगों को निकलना पड़ता है और शासन के द्वारा जारी किए गए पास के बिना सीमाओं तक पहुंच जाना मतलब आफत मोल लेने के बराबर है क्योंकि इस तरह के लोगों को बेवजह सड़क पर घूमने वाला मानकर पुलिस तत्काल वैधानिक कार्यवाही कर रही है और वहीं अगर हम कानपुर के हॉटस्पॉट की बात करें तो पुलिस का सख्त पहरा है।

हॉटस्पॉट पर जिला प्रशासन के द्वारा दरवाजे तक सामान पहुंचाने की व्यवस्था की गई है और पुलिस प्रशासन का इतना सख्त पहरा है कि लोग अपने घर की छतों से भी जल्दी नहीं देख पाते हैं और घर के अंदर कैद होकर रह गए हैं। हॉटस्पॉट के लोग घर से बाहर निकलने में भी डरते हैं और यह डर पुलिस की कार्रवाई का है।

वहीं अगर जिला प्रशासन की व्यवस्था की बात करें तो प्रशासन की ओर से कानपुर की क्षेत्रीय जनता को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसको ध्यान में रखते हुए रोजमर्रा की चीजों की व्यवस्था घर-घर पहुंचाने की करवाई गई है और प्रशासन के द्वारा लोगों को घर में रहने की अपील भी की जा रही है।

क्षेत्र में रहने वाले ऐसे मजदूर जो रोज कमाने-खाने वाले थे उनको लेकर जिला प्रशासन ने भोजन तक की व्यवस्था कराई है और सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से पालन कराते हुए इन लोगों के भोजन का इंतजाम प्रशासन कर रहा है, लेकिन इतनी सारी व्यवस्थाएं होने के बाद भी कानपुर में लॉकडाउन का असर मिलाजुला देखने को मिल रहा है जहां प्रशासन बेहद सख्त है।

कानपुर के हॉटस्पॉट इलाकों को अगर छोड़ दें तो वहीं कुछ जगहों पर पुलिस प्रशासन की ढील के चलते लोग सड़कों पर टहलते हुए नजर आ जाएंगे। जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि नगर में हॉटस्पॉट क्षेत्रों व लॉकडाउन क्षेत्रों में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।

क्षेत्र की जनता को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से होम डिलीवरी के साथ-साथ डोर टू डोर सामान पहुंचाने की व्यवस्था कराई गई है। जिलाधिकारी ने अपील करते हुए कहा कि आप सभी लोग घर में रहे और सुरक्षित रहें।

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