भारत की बेटी अमेर‍िका की ‘अकेली ज‍िंदगि‍यों’ में बांट रही खुशि‍यां

अगर संकट के समय भी खुश रहने का जज्‍बा हो तो इससे बेहतर क्‍या हो सकता है। कोरोना काल में जहां पूरी दुन‍िया में दुख पसरा हुआ है, वहीं एक लड़की ऐसी भी है जो खुशियां बांट रही है।

जानकर खुशी होगी क‍ि यह लड़की भारतीय मूल की है और अमेर‍िका में अपने तरीके से लोगों को खुश करने का काम कर रही है।

अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। वहां चारों तरफ दुख और न‍िराशा पसरी पड़ी है। ऐसे में अमेर‍िका में भारतीय मूल की यह लड़की वहां लोगों के जिंदगी में मुस्‍कान बिखेर रही है।

दरअसल, मीड‍िया र‍िपोर्ट अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की 15 साल की हीता गुप्ता गेम्‍स खेलती हैं या टीवी देखती है। लेक‍िन कोरोना संकट के बीच उसके एक नेक काम की वजह से पूरे अमेरिका में उनकी चर्चा हो रही है।

ह‍िता दरअसल, कोरोना और लॉकडाउन की वजह से नर्सिंग होम में अकेले रह रहे बुजुर्गों और बच्चों समेत हजारों अकेले लोगों तोहफे और अपने हाथों से ल‍िखे लेटर्स भेज रही है।

पेन्सिलवेनिया के कोनेस्टोगा में 10वीं कक्षा की यह भारतीय-अमेरिकी छात्रा एक एनजीओ ‘ब्राइटनिंग अ डे’ भी चलाती है। हीता अमेरिका के नर्सिंग होम में रहने वाले खासतौर से बुजुर्गों को खुश रखने और उनका अकेलापन दूर करने के लि‍ए उन्हें हाथ से लिखे पत्र और तोहफे भेज रही है। तोहफों में पहेलियां और रंग भरने वाली किताबें तथा रंगों वाली पेंसिल का पैकेट होता है।

मीड‍िया को उसने बताया क‍ि वो ऐसे लोगों के बारे मे सोचकर बेहद दुखी होती है। ऐसे लोग क‍ितना अकेला और तनावग्रस्त महसूस करते होंगे। र‍िपोर्ट के मुताब‍िक करीब 40 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग रोज अकेलापन महसूस करते हैं। इसल‍िए वो चाहती है क‍ि कोई भी अकेला महसूस न करे।

हीता ने मीड‍िया को बताया क‍ि वो खुद के पैसों से नर्सिंग होम को तोहफे भेजती है। अब तक वो 16 नर्सिंग होम के निवासियों को तोहफे भेज चुकी है। उनका 9 साल का भाई दिवित गुप्ता अपने हाथ से लेटर ल‍िखता है। अमेर‍िका के साथ ही वे भारत के अनाथालयों में भी इस तरह के कार्ड भेजने हैं। नई द‍िल्‍ली में स्‍थि‍त अमेरिकी दूतावास भी हि‍ता के इस काम की तारीफ कर चुका है।

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