लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 महामारी के चलते 1 महीने से भी अधिक दिनों तक शराब की बिक्री पर लगी पाबंदी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 9 घंटे की छूट भी प्रदेश सरकार के लिए आफत बन गई है। इसलिए सरकार अब उन राज्यों की होम डिलीवरी व्यवस्था का गहन अध्ययन कर प्रदेश में शराब बिक्री के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था को लेकर तैयारियां कर रही है।
एक ओर जहां पूरे प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ शराब की दुकानों के बाहर लगी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ाती हुई नजर आ रही है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश में शराब बिक्री के ऊपर से हटाए गई पाबंदी को लेकर कई जनहित याचिका भी सरकार के खिलाफ दायर हो गई हैं जिसमें सरकार को जवाब भी देना है।
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी शराब बिक्री की होम डिलीवरी करने पर विचार-विमर्श चल रहा है यथासंभव बेहद जल्द शराब की बिक्री होम डिलीवरी के माध्यम से कराई जा सकती है।आबकारी विभाग अनुसार, कुछ राज्यों में शराब बिक्री पर होम डिलीवरी की व्यवस्था लागू है जिसको लेकर सरकार उन राज्यों की होम डिलीवरी व्यवस्था का गहन अध्ययन कर रही है और जानकारी लेने का प्रयास कर रही है कि यह व्यवस्था उन राज्यों में कितनी सफल है और किस प्रकार से इस व्यवस्था को लागू किया गया है।
सारी जानकारी प्राप्त कर प्रदेश सरकार भी शराब बिक्री के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था को लेकर तैयारियां कर रही है और इस बारे में प्रशासनिक विचार-विमर्श भी हो चुका है, जिसमें ज्यादातर लोगों ने कोरोना महामारी से व सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए शराब की बिक्री को होम डिलीवरी के माध्यम से कराए जाने के पक्ष में है तो वहीं कोर्ट में पहुंची जनहित याचिकाओं को लेकर प्रदेश सरकार भी तेजी के साथ विचार-विमर्श कर रही है कि प्रदेश में भी होम डिलीवरी व्यवस्था लागू की जाए।
गौरतलब है कि 4 मई को शराब की बिक्री से पाबंदी हटते ही शराब की दुकानों के बाहर खरीदारों का जमावड़ा लग गया और कई जगह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाली तस्वीरें सामने आईं, जिसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील चौधरी ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार जनरल को ऑनलाइन पत्र भेजकर शराब की दुकानों को खोलने के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की और कोर्ट से शराब की होम डिलीवरी कराने का निर्देश देने की अपील भी की गई। पत्र को लेकर कोर्ट ने योगी सरकार से 12 मई तक जवाब देने की बात कही है, जिसके बाद से ही प्रशासनिक स्तर पर होम डिलीवरी को लेकर विचार-विमर्श तेज है।