कोरोना के बीए 2.75 वैरिएंट से जम्मू कश्मीर में चिंता का माहौल

सुरेश एस डुग्गर

शुक्रवार, 22 जुलाई 2022 (15:01 IST)
जम्मू। जम्मू कश्मीर के कई जिलों में कोरोना संक्रमण दर पिछले कुछ दिनों में तेजी के साथ बढ़ी है। जम्मू जिला सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति में है। 4 दिनों में ही यहां पर संक्रमण दर 4 से बढ़ कर 11 के आसपास हो गई है। कठुआ और रामबन जिले इसके बाद सबसे अधिक प्रभावित हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इन जिलों में टेस्टिंग की संख्या को लगातार बढ़ा रहा है।
 
चिंता यह प्रकट की जा रही है कि जम्मू संभाग में ओमिक्रान के नए वैरिएंट मिलने से आगामी दिनों में संक्रमण का प्रसार बढ़ सकता है। खासतौर पर नए वैरिएंट में बीए 2.75 ने इसराइल सहित अन्य देशों में अपना असर दिखाया है। इस वैरिएंट से तेजी से संक्रमण का प्रसार होता है। हालांकि इसमें मृत्युदर काफी कम है, लेकिन वैरिएंट का स्वरूप बदलने से नया खतरा पैदा हो सकता है। इस वैरिएंट से संक्रमण का प्रसार बढ़ने की आशंका है।
 
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सक्रिय हो गया है। इन दिनों जारी अमरनाथ यात्रा के चलते देशभर से आ रहे श्रद्धालुओं को कोरोना से बचाव के लिए आधार शिविरों में अब प्राथमिकता पर सतर्कता डोज लगाई जा रही है। इसके अलावा कैंपों में कोरोना जांच की व्यवस्था भी की गई है। वहीं, प्रदेश में बढ़ते संक्रमितों को देखते हुए जम्मू के भगवती नगर स्थित डीआरडीओ के अस्पताल को फिर से शुरू करने की तैयारी है।
 
जम्मू कश्मीर में पिछले चार दिनों में कोरोना संक्रमण के 1419 मामले आ चुके हैं, जबकि दो मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना का नया वैरिएंट मिलने के बाद संक्रमितों की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है। यह वैरिएंट उन लोगों में मिला है, जो विदेशों से या फिर अन्य प्रदेशों से जम्मू कश्मीर आए हैं। इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बाहर से आने वाले सभी लोगों पर विशेष नजर रखना शुरू कर दी है।
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इस बीच 3 महीने से बंद पड़े डीआरडीओ अस्पताल को भी फिर से शुरू करने की तैयारी चल रही है। सभी को अलर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य निदेशक का कहना है कि अभी अस्पतालों में बहुत कम मरीज भर्ती हो रहे हैं, लेकिन अगर इनकी संख्या बढ़ी तो डीआरडीओ अस्पताल को फिर से मरीजों के लिए खोल दिया जाएगा।

फिलहाल तीन संक्रमित गर्भवती महिलाओं को गांधीनगर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अन्य अस्पतालों में बहुत कम मरीज भर्ती हैं।

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