हैरिस ने कहा,महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पताल के बेड कम पड़ने लगे तब भारत ने सहायता भेजी थी। आज हम भारत को उसकी ज़रूरत के समय में मदद करने के लिए कटिबद्ध हैं।हैरिस शुक्रवार को भारत के लिए अमेरिकी कोविड राहत विषय पर विदेश विभाग के प्रवासी संपर्क कार्यक्रम में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा, भारत के मित्र, एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में एवं वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में हम यह मदद कर रह हैं। मेरा मानना है कि यदि हम (विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों के बीच) मिलकर काम करते रहेंगे तो हम इस स्थिति से बाहर आ जाएंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा, सालों से इंडियास्पोरा और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन जैसे प्रवासी संगठनों ने अमेरिका और भारत के बीच सेतु बनाया है। पिछले साल आपने कोविड-19 राहत प्रयासों में बड़ा योगदान दिया। आपके कार्य के लिए आपको धन्यवाद।
जिन्होंने अपने को खोया है उनके प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। जैसे ही प्रकृति का यह दुस्साहिक स्वरूप सामने आया, हमारा प्रशासन हरकत में आ गया। उनका इशारा संकट की इस घड़ी में बाइडन-हैरिस प्रशासन द्वारा भारत की मदद के लिए उठाए गए कदमों की ओर था।(भाषा)