भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने सार्वजनिक स्थानों और घर से बाहर निकलने पर मॉस्क लगाना अनिवार्य कर रखा है। मॉस्क नहीं लगाने पर आप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी लेकिन कोरोना से आपको महफूज रखने वाला मास्क अपराधियों के लिए हथियार बन सकता है।
अनलॉक पहले चरण में मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर लूट की घटना में आरोपी मास्क लगाए जाने के कारण पहचाने नहीं जा सके। इन घटनाओं के बाद मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी कर बैंक, ज्वलेरी शॉप और वित्तीय संस्थाओं में एंट्री से पहले गेट पर लगे सीसीटीवी में मास्क उतारकर चेहरा रिकॉर्ड करवाने के निर्देश जारी किए है।
पुलिस मुख्यालय के इस निर्देश के बाद भोपाल जिला कलेक्टर ने धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिये ज्वैलर्स की दुकान, बैंक, गोल्ड लोन कंपनी सहित अन्य वित्तीय संस्थायें मे जाने पर मास्क हटाकर कैमरे मे चेहरे को रिकार्ड करना जरुरी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि उपरोक्त दुकानें असामाजिक तत्वों के निशाने पर रहती हैं इसलिए पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार सुरक्षा के मद्देनजर मास्क हटाकर कैमरे मे चेहरा रिकार्ड करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस आदेश के बाद अब कोरोना काल में क्राइम की घटना को रोकने के लिए बैंक,ज्वैलर्स की दुकान और अन्य वित्तीय संस्थानों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक बार मास्क उतार कर सीसीटीवी कैमरे के सामने हाजिर होकर अपना चेहरा रिकार्ड करवाना होगा।
पुलिस को आंशका है कि अपराधी फेस मास्क की आड़ में इन संस्थानों में घुसकर चोरी, लूट, डकैती करके आसानी से बिना पहचान में अपराध कर सकते है। सीसीटीवी में चेहरा रिकॉर्ड नहीं करवाने वाले और आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ IPC की धारा 188 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।