मध्यप्रदेश में लॉकडाउन लगाने के नियमों में बड़ा बदलाव,रविवार को कोई छूट नहीं

विकास सिंह

शुक्रवार, 31 जुलाई 2020 (19:36 IST)
भोपाल। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार ने लॉकडाउन लगाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब जिलों में लॉकडाउन लगाने का फैसला जिला क्राइसिस ग्रुप सीधे नहीं कर सकेगा। लॉकडाउन लगाने के फैसले से पहले उसे सरकार की अनुमित लेनी होगी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बड़े बदलाव के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अब बहुत जरूरी होने पर ही किसी जिले में लॉकडाउन किया जाएगा।  अब तक लॉकडाउन लगाने का फैसला जिला स्तर पर बनी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में लिया जाता था। 
 
वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रक्षाबंधन से पहले रविवार को जनप्रतिधियों की मांग पर विचार करने पर सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लॉकडाउन में किसी भी प्रकार की छूट न देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रविवार को होने वाला लॉकडाउन पहले की तरह जारी रहेगा। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य है इसलिए हमें राखी जैसे त्यौहार से भी थोड़ा कम्प्रोइज करना पड़ेगा और रविवार को लॉकडाउन पहले की तरह जारी रहेगा। 
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रैली सभा सहित सभी आयोजन पर बैन – प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक  अगस्त से 14 अगस्त से किल कोरोना अभियान पार्ट -2 शुरु होने जा रहा है। 'संकल्प की चेन जोड़ो, संक्रमण की चेन तोड़ो' नारे के साथ शुरु हो रहे इस अभियान घर-घर सर्वे कर संक्रमण की चैन तोड़ने की कोशिश की जाएगी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके साथ 14 अगस्त तक प्रदेश में सभी राजनीतिक दल के कार्यक्रम रैली,प्रदर्शन और सभा करने पर बैन लगा दिया गया है क्योंकि चुनाव से लोगों की जान ज्यादा जरूरी है। ALSO READ: मास्क नहीं लगाने पर मंत्रियों पर भी लगेगा जुर्माना,राजनीतिक कार्यक्रमों पर 14 अगस्त तक रोक
मंत्री देंगे 30 फीसदी सैलरी – कोरोना से मुकाबले के मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री अपनी सैलरी का 30 फीसदी रिलीफ फंड में देंगे। मंत्रियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं तथा कोरोना मरीजों को नि:शुल्क एवं सर्वोत्तम इलाज की व्यवस्था की गई है।
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इस कार्य में राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा व्यय हुआ है तथा आगे भी राशि की जरूरत होगी। इसलिए हम सबका दायित्व है कि एक और हम शासन के अनावश्यक खर्चों में कटौती करें वहीं व्यक्तिगत रूप से जो भी सहायता कर सकें करें। मुख्यमंत्री की अपील पर सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में 30 फीसदी सैलरी देने का निर्णय लिया।

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