भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों का असर इस साल स्वतंत्रता दिवस के समारोह पर भी दिखाई देगा। प्रदेश में इस बार स्वतंत्रता दिवस का समारोह केवल भोपाल में होगा जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्रिपरिषद के सदस्य शामिल होंगे। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के चलते स्वतंत्रता दिवस समारोह सीमित व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ मनाना आवश्यक है इसलिए कार्यक्रम समारोहपूर्वक ना होकर प्रतीक स्वरूप हो। सभी स्थनों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कार्यालयों में राष्ट्रध्वज फहराया जाए। इनमें पारंपरिक रूप से बच्चों को बुलाए जाने और कार्यक्रम में शामिल करने की परंपरा इस वर्ष स्थगित रखी जाए।
कैबिनेट की बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना की व्यापकता के चलते इस साल स्वतंत्रता दिवस का समारोह केवल भोपाल में होगा, जिलों और तहसील में कोई सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे परेड,बच्चों को बुलाए जाने और सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। जिलों और तहसील में केवल अधिकारी ही झंडावदन करेंगे और इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि नहीं शामिल होंगे। अब तक स्वतंत्रता दिवस के समारोह जिले और तहसील स्तर पर भव्य तरीके से होता है जिसमें जनप्रतिनिधि शामिल होते थे।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का एजेंडा- कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को अपने विभाग का प्लान तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि वह मंत्री अपने विभाग का प्लान बनाते समय आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश और आत्मनिर्भर भारत के एजेंडे को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। 15 अगस्त के अपने भाषण में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप प्रदेश की जनता के सामने रखेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए आर्थिक क्षेत्र की समृद्धि और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सभी विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसके लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक मंत्री अपने विभाग की आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में भूमिका के संबंध में विचार विमर्श कर एक प्रारूप बनाएं। इस रोडमैप के अनुसार मासिक, त्रैमासिक और छमाही लक्ष्य बनाकर कार्य किया जाए। इसके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज और कल मंत्रियों के साथ वन-टू-वन चर्चा कर उनकी प्राथमिकताओं को समझेंगे।
इसके साथ कैबिनेट की बैठक में कोविड कल्याण योजना का अनुमोदन किया गया। योजना के तहत कोविड कार्य में लगे अधिकारी या कर्मचारी की मृत्यु होने पर पचास लाख की सहायता सरकार देती है, इसमें अब तक 20 लोगों को 10 करोड़ की राशि दी जा चुकी है।