मृतक के रिश्तेदार महेश ने सोमवार को बताया कि जुकाम, खांसी और बुखार से पीड़ित होने पर गांव के कुछ लोगों ने राजेंद्र के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका जताई थी जिसके बाद वह मकान की दूसरी मंजिल पर बने एक कमरे में अकेले रहने लगा था और घर-परिवार के लोग भी उससे दूरी बनाने लगे थे। उसने संभवत: कोरोना वायरस संक्रमण के भय से आत्महत्या कर ली।
हालांकि जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि युवक ने किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज नहीं कराया और वह गांव वालों की राय से जुकाम, खांसी और बुखार की दवाइयां खाता रहा।