भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आया मध्यप्रदेश में अब तेजी से कोरोना केस बढ़ रहे है। अगर देश में हर दिन आ रहे कोरोना के नए मामले को देखे तो मध्यप्रदेश देश का 6 ऐसा प्रदेश बन गया है जहां सबसे तेजी से एक्टिव केस आ रहे है। आज मध्यप्रदेश में कोरोना के 4 हजार से अधिक (4043 केस ) एक्टिव केस सामने आए है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 11 फीसदी के उपर पहुंच गई है। जबकि इसी साल फरवरी के आखिरी हफ्ते में पॉटिविटी रेट मात्र 1 फीसदी के आसपास थी।
कोरोना की दूसरी लहर से जूझते मध्यप्रदेश में अब स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती दिख रही है। कोरोना से सबसे अधिक भोपाल,इंदौर और जबलपुर में अस्पतालों में गंभीर रुप से बीमार कोरोना मरीजों के लिए बेड नहीं मिल रहे है। सरकार भले ही लाख दावा कर रही हो कि मरीजों के लिए बेड की कोई कमी नहीं है लेकिन संक्रमण की चपेट में आए लोगों को सरकारी अस्पतालों में एक अदद बेड के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मजबूरी में मरीजों को प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है जहां पर बेड देने के साथ अस्पताल प्रबंधन मरीजों से कोरोना के इलाज के नाम पर मोटी कमाई कर रहे है। वहीं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान भी कहते हैं कि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद के बाद अब सरकारी अस्पतालों का इंफ्रास्ट्रक्चर चैलेंजिग फील कर रहा है और व्यवस्थाओं को लेकर खतरा पैदा हो गया है।
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अधिकारी भले यह दावा कर रहे हो कि सरकारी अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव है लेकिन उनके इस दावे पर खुद उन्हीं की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने अस्पतालों में बेड की स्थिति को लेकर सोमवार को जो प्रजेंटेंशन दिया गया है उससे कई सवाल खड़े हो रहे है।
हेल्थ विभाग ओर से इस प्रजेंटेंशन में दिए गए आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों की तुलना में प्राइवेट अस्पतालों में अधिक संख्या में इलाज चल रहा है। प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में 5,997 मरीजों का इलाज चल रहा है तो सरकारी अस्पतालों में 5,189 मरीजों का इलाज हो रहा है। वहीं अगर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कुल बेडों की संख्या को देखे तो मिलता है कि सरकारी अस्पतालों में 12,890 बड़े उपलब्ध है जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 12068 बेड है।
कोविड मरीजों के इलाज के लिए बड़ा एलान-भोपाल में कोरोना के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भी अस्तालों में बेड की कमी का मुद्दा उठा। खुद मुख्यमंत्री ने भी कहा कि अस्पतालों में बेड भर गए है इसलिए हमें संक्रमण से बचना होगा। कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए सरकार ने अब स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर कुछ बड़े फैसले किए है।
-प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को 24 हजार से बढ़ाकर 36 हजार किया जायेगा।
-प्रदेश में कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को बढ़ाकर 15 हजार किया जायेगा।
-प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक संचालित किए जायेंगे जिनके माध्यम से प्रतिदिन 40 हजार संदिग्ध मरीजों की नि:शुल्क कोरोना टेस्टिंग की जायेगी।
-भोपाल में एल.एन. अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित कर वहां कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए रिजर्व किया जाएगा।
-भोपाल में पीपुल्स हास्पिटल में कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए 300 बिस्तर आरक्षित किए गए है।