मुंबई। कोविड-19 महामारी से प्रभावित वर्ष 2021 में भारत में 'डॉलर मिलियनरी' यानी 7 करोड़ रुपए से अधिक की निजी संपत्ति वाले व्यक्तियों की संख्या 11 प्रतिशत बढ़कर 4.58 लाख हो गई। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। हालांकि इस सर्वेक्षण में ऐसे 350 लोगों से बातचीत के आधार पर पाया गया कि निजी और पेशवर जिंदगी में खुद को खुश बताने वाले लोगों की संख्या 2021 में घटकर 66 प्रतिशत रह गई, जो इसके 1साल पहले 72 प्रतिशत थी।
हुरुन रिपोर्ट के ये निष्कर्ष ऐसे समय में आए हैं, जब भारत में अमीरों एवं गरीबों के बीच बढ़ती असमानता को लेकर चिंता बढ़ रही है। हाल में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में भी इस असमानता पर चिंता जताई गई थी। बेहद अमीर लोगों पर अधिक कर लगाने की लगातार तेज होती मांग के बीच इस सर्वेक्षण में शामिल एक-तिहाई से भी कम लोगों का ही यह मानना है कि अधिक कर चुकाना सामाजिक जिम्मेदारी का एक निर्धारक अवयव है।
हुरुन रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2026 तक भारत में 'डॉलर मिलियनरी' की संख्या 30 प्रतिशत बढ़कर 6 लाख तक पहुंच जाएगी। रिपोर्ट कहती है कि मुंबई में सबसे अधिक 20,300 'डॉलर मिलियनरी' हैं। इसके बाद दिल्ली में 17,400 और कोलकाता में 10,500 'डॉलर मिलियनरी' परिवार हैं।