भारत में एक बार फिर कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। देश में पिछले 24 घंटे (24-25 मार्च) में 53 हजार 476 मामले सामने आए हैं। अकेले महाराष्ट्र की ही बात करें तो वहां करीब संक्रमण के 32 हजार ताजा मामले सामने आए हैं। यह स्थिति तब है जब राज्य में न तो कहीं रैलियां हो रही हैं, न चुनावी सभाएं।
दूसरी ओर, चुनावी राज्यों की बात करें तो वहां धड़ल्ले से चुनावी सभाएं हो रही हैं, लेकिन फिर भी वहां मामले तुलनात्मक रूप से बहुत कम आ रहे हैं, जबकि वहां रैलियों में हजारों लोग शामिल हो रहे हैं और उनके चेहरे पर मास्क भी नजर नहीं आ रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग की बात तो भूल ही जाइए।
आपको याद दिलाना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनकी लापरवाही सफलता पर पानी फेर सकती है। वहीं, उसके अगले दिन जब पीएम मोदी पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हैं, जहां काफी भीड़ जुटती है और लोगों के चेहरों पर मास्क भी नजर नहीं आते।
ऐसे ही नजारे राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं की रैलियों में दिखाई देते हैं। तमिलनाडु में एमके स्टालिन की रैली में भी लोगों की भीड़ उमड़ी, जिसमें कोरोना गाइडलाइंस का धड़ल्ले से उल्लंघन किया गया। केरल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रैली में हाल कुछ-कुछ ऐसा ही था। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। नेताओं की रैलियां भी खूब हो रही हैं।
हालांकि मीडिया का भी पूरा ध्यान सिर्फ पश्चिम बंगाल चुनाव पर ही है, इसलिए वहां के वीडियो, फोटो में बिना मास्क के चेहरों को साफ देखा जा सकता है, लेकिन दूसरे चुनावी राज्यों में हालात इससे अलग नहीं हैं। ऐसे में इस बात की आशंका प्रबल है कि चुनाव प्रचार थमने के बाद इन राज्यों से भी ज्यादा संख्या में कोरोना केसेस आने लगें। ...और इतना ही नहीं लोगों पर और पाबंदियां थोप दी जाएं।
क्या अच्छा नहीं होता कि हमारे नेता सामने बैठी भीड़ को यह कहकर संबोधित करने से इंकार कर देते कि लोगों ने मास्क नहीं पहने हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शायद उन्हें जनता की सेहत और बढ़ते कोरोना संक्रमण से ज्यादा चुनाव की चिंता है। यदि हमारे नेता ऐसा करने की 'हिम्मत' कर पाते तो वे लोगों के सामने भी एक उदाहरण पेश कर पाते। और, संभव है लोग इसे देखकर और ज्यादा सावधानी बरतते।
यदि पिछले 24 घंटे की बात करें तो पश्चिम बंगाल में 426, असम में 41, पुडुचेरी में 125, तमिलनाडु में 1636 और केरल में 2456 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। इनमें असम में भाजपा की सरकार है, जबकि पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। पुडुचेरी में इस समय राष्ट्रपति शासन है, जबकि तमिलनाडु में एआईएडीएमके तथा केरल में वाम सरकार है।
यहां हम आपको एक वायरल हो रहे वीडियो की ओर भी ध्यान दिलाना चाहेंगे, जहां दो महिलाओं के माध्यम से चुनावी राज्यों और कोरोना संक्रमण पर करारा कटाक्ष किया है। इसमें एक महिला चुनाव वाले राज्यों में जाना चाहती है, जहां उसे न मास्क की चिंता होगी, न बिना मास्क रहने पर बनने वाले चालान की। रैलियों में शामिल होने पर पैसे मिलेंगे वह अलग। सच बात तो यह है कि जब तक हमारे नेताओं की सोच नहीं बदलेगी, जनता में बदलाव की उम्मीद कर भी कैसे सकते हैं।