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बड़वानी जिले के निवाली छात्रावास के छात्रों ने अपने लिए किए गए जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल के बाद अनोखा प्रदर्शन किया। वे करीब 30 किमी पैदल चले। 30 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद पानसेमल एसडीएम रमेश सिसोदिया ने छात्रों को रोका और उनकी बातें सुनी। इसके बाद कलेक्टर गुंचा सनोबर ने प्राचार्य मीनाक्षी भार्गव को पद से हटा दिया। छात्रों को समझा कर वापस वाहनों से छात्रावास लौटा दिया।
बता दें कि छात्र खराब खाने और जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल से नाराज थे। ये छात्र बड़वानी जिले के निवाली छात्रावास के हैं। कलेक्टर ने एकलव्य आवासीय विद्यालय की प्राचार्य को हटा दिया है। प्राचार्य व अध्यापकों से नाराज छात्र सोमवार को अपने होस्टल से पैदल नारेबाजी करते हुए निकले। उन्होंने 60 किलोमीटर पैदल चलकर बड़वानी कलेक्टर से मिलकर शिकायत करने का फैसला लिया था, लेकिन जैसे ही अफसरों को छात्रों के पैदल मार्च की भनक लगी, वे उनके पास पहुंचे।
एसडीएम ने रोक दिया: 30 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद पानसेमल एसडीएम रमेश सिसोदिया ने छात्रों को रोका और उनकी बातें सुनी। इसके बाद कलेक्टर गुंचा सनोबर ने प्राचार्य मीनाक्षी भार्गव को पद से हटा दिया। छात्रों को समझा कर वापस वाहनों से छात्रावास लौटा दिया। उनका आरोप है कि छात्रावास की समस्या बताने पर प्राचार्य प्रताडि़त करती थी। भोजन भी घटिया दिया जाता था। विरोध करने पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था।
सड़क पर किया विरोध : छात्र जब नारेबाजी करते हुए पैदल चलने लगे, बड़वानी से अफसर एम्बुलेंस और अन्य गाडि़यां लेकर छात्रों से मिलने निकले। चिखलदा के समीप उन्हें रोका गया, लेकिन वे कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़े रहे। कुछ नाराज छात्र सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। छात्रों को कहा गया कि शिकायत के बाद प्राचार्य के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। बड़ी मुश्किल से छात्र माने और उनका प्रदर्शन समाप्त हुआ।
Edited By: Navin Rangiyal