कोरोना काल में जिन लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है, मोदी सरकार उन लोगों को बेरोजगारी भत्ता दे रही है। इसकी मियाद खत्म हो रही थी, लेकिन सरकार ने जून तक के लिए इसे बढ़ा दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने इसके लिए ईएसआईसी की देखरेख में अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत सरकार उन लोगों को बेरोजगारी भत्ता देगी जिन्होंने कोरोना महामारी में अपनी नौकरी गंवाई है। एक अनुमान के मुताबिक इस योजना में 40 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना ईएसआईसी से बीमित कर्मचारियों को उनकी बेरोजगारी के दौरान नकद मुआवजे के रूप में राहत प्रदान करती है। वर्तमान में इस योजना के तहत बीमित कर्मचारी को उसके बेरोजगार होने पर अधिकतम 90 दिनों के लिए उसकी औसत कमाई का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाता है।
सरकार की ओर से दिए जाने वाले इस भुगतान का अर्थ हुआ कि अगर कोई व्यक्ति हर महीने 30,000 कमाता है तो उसकी 90 दिन की औसत कमाई 90 हजार का 50% यानी 2 साल में लगभग 45 हजार रुपए उसे दिए जाएंगे। हालांकि मोदी सरकार की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित हैं।
इस योजना का फायदा केवल उन्हीं व्यक्तियों को मिलेगा, जो असंगठित क्षेत्र में नौकरी कर रहे हों और उनका पैसा पीएफ या एसिक मैं कटता हो। अगर कोरोना काल में ऐसे लोगों की नौकरी छूट जाती है तो केंद्र सरकार atal beemit vyakti kalyan yojana के तहत उन्हें आर्थिक मदद देगी। पात्र हितग्राही को इस योजना का लाभ लेने के लिए ईएसआईसी की वेबसाइट www.esic.nic.in पर जाकर नियम-प्रक्रिया का पूर्ण पालन कर फॉर्म भरकर ईएसआईसी की नजदीकी ब्रांच में जमा करना होगा।
इस योजना में किसी व्यक्ति की नौकरी गलत आचरण या किसी गलत काम के चलते जाती है, मुकदमा दर्ज होने के बाद कंपनी उसे नौकरी से निकालती है, तो ऐसे व्यक्ति को अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना में बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा। जिन लोगों ने अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ी है यानी कि वॉल्यूंटरी रिटायरमेंट सर्विस या वीआरएस लिया है तो उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।