मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों संग बैठक में निर्देश दिए हैं कि गंभीर मरीजों के लिए डॉक्टर वर्चुअल आईसीयू से संवाद की प्रकिया को शुरु करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में अधिकारियों के संक्रमित होने की सूचना शासन को तुरंत दें, ताकि समय रहते सावधानी की प्रक्रिया को अपनाया जा सके।
बाहर से आने वालों की टेस्टिंग पर जोर : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति ज्यादा है। ऐसे में वहां से आने वाले लोगों/यात्रियों की रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर कोविड टेस्टिंग अवश्य कराई जाए। इसके अलावा जिले के हर ग्राम पंचायत, वार्डों, नगर निकायों में निगरानी समितियां गठित कर उन्हें क्रियाशील किया जाए और इन सभी को इन्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से जोड़ा जाए।
50 से अधिक लोगों के बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यदि कोई बैठक किसी बंद कमरे में आयोजित हो रही है तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसमें 50 से अधिक लोग शामिल ना हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक करेंगे ताकि गाइडलाइन्स को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इसके अलावा सीएम योगी ने लखनऊ के हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और मेयो मेडिकल सेंटर में कोविड बेड बढ़ाए जाने का भी निर्देश दिया।
धार्मिक स्थलों में सीमित लोगों के प्रवेश की अनुमति : राजधानी लखनऊ में हुई मीटिंग में राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लोगों को सीमित संख्या में प्रवेश देने का भी फैसला किया है।राज्य सरकार ने किसी भी धार्मिक स्थल पर एक बार में पांच से ज्यादा लोगों के एंट्री करने पर रोक लगाई है। इस बाबत एंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश अधिकारियों को दे दिया गया है।
गौरतलब हो कि राज्य में इस वक्त 71,241 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 2,03,780 नमूनों की जांच की गई है। यूपी में अब तक साढ़े तीन करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डीएस नेगी के अनुसार, 'पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोविड-19 के 15,353 नए मरीज मिले हैं। प्रदेश में एक दिन कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों की यह सबसे बड़ी संख्या है।