Uttarakhand Covid Curfew : उत्तराखंड में एक हफ्ते और बढ़ा कोविड कर्फ्यू, जानिए क्या मिलीं रियायतें

रविवार, 6 जून 2021 (22:18 IST)
देहरादून। उत्तराखंड में सरकार ने प्रदेश में जारी कोविड कर्फ्यू को एक सप्ताह के लिए विस्तार देते हुये 15 जून तक कर दिया है। मंगलवार 8 जून की प्रातः 6 बजे कर्फ्यू की अवधि समाप्त हो रही थी। एक सरकारी आदेश में इसकी जानकारी दी गई है।
 
रविवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में जारी आदेश में कहा कि प्रदेश में कोविड कर्फ्यू अब 15 जून की सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगा।
 
हांलांकि इस अवधि के दौरान दिशा-निर्देशों में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित जिलाधिकारियों को कोविड-19 संक्रमण की स्थिति का आकलन करने के बाद अपने स्तर से निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है।
 
आदेश में कहा गया है कि इस दौरान प्रमाण दिखाने पर टीकाकरण के लिए जाने की लोगों को आने जाने की छूट रहेगी जबकि पहले की तरह ही अधिकतम 20 लोगों को 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट के साथ जिला प्रशासन की अनुमति से किसी विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति होगी। इसमें कहा गया है कि इसके अलावा शवयात्रा में भी अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकते हैं।
 
अग्रिम आदेशों तक प्रदेश में सभी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक समारोह, मनोरंजन और खेल गतिविधियां बंद रहेंगी जबकि शैक्षणिक, कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, शापिंग मॉल, खेल स्टेडियम, जिम, आदि भी इस दौरान बंद रहेंगे।
 
बाहरी प्रदेशों से आने वालों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना और 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा जबकि बाहर से उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों को सात दिवसों तक गांव में स्थापित पृथक-वास केंद्रों में रहना होगा। आदेश के अनुसार, इस दौरान दवाइयों की दुकानें तथा जांच लैब आदि 24 घंटे तथा बैंक की शाखाएं सुबह 10 बजे से दो बजे तक खुल सकेंगी।
 
कोविड कर्फ्यू के दौरान सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक जबकि राशन, किराने, स्टेशनरी और किताबों की दुकानें 9 जून और 14 जून को सुबह 8 बजे से 1 बजे तक खुलेंगी। इसके अलावा, जरूरी सामानों जैसे दूध, मीट, मछली, फल और सब्जी की दुकानें सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक खुलेंगी। मदिरा की दुकानें, 9 जून, 11 जून और 14 जून को सुबह आठ से एक बजे तक खुलेंगी लेकिन इस दौरान बार बंद रहेंगे।
 
इस दौरान निर्माण गतिविधियां जारी रहेंगी लेकिन ठेकेदार को अपने श्रमिकों को निर्माण स्थल तक लाने और ले जाने या निर्माण स्थल पर उनके रहने की व्यवस्था करनी होगी। इस अवधि में दस वर्ष की उम्र से छोटे और 65 वर्ष से उपर के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कारणों के अलावा बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। (भाषा) 

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