चीन में कोरोना के रिकॉर्ड मामले, लॉकडाउन को लेकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन

Webdunia
रविवार, 27 नवंबर 2022 (18:05 IST)
बीजिंग। चीन में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस बीच देश में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए। लॉकडाउन को लेकर लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया। 
 
चीन में इस प्रकार के प्रदर्शन होना दुर्लभ बात है। चीनी सोशल मीडिया और ट्विटर पर उपलब्ध कई वीडियो में लोग शंघाई समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन करते और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) तथा देश के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए।
 
ऐसा बताया जा रहा है कि कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। कई वीडियो में विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र लॉकडाउन का विरोध करते दिखाई दिए।
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上海乌鲁木齐路 民众高喊
共产党 下台!
这是迄今为止最为激进的口号。 pic.twitter.com/ijP7lxnIgH

— 李老师不是你老师 (@whyyoutouzhele) November 26, 2022 >
इस बीच, सरकार ने शनिवार को शिनजियांग की राजधानी उरुमकी से लॉकडाउन हटाने के लिए कदम उठाए। उरुमकी में गुरुवार को लॉकडाउन के दौरान एक अपार्टमेंट में आग लग जाने से 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां सप्ताहांत में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हुए।
 
पुलिस ने आधी रात में ‘मिडल उरुमकी रोड’ पर एकत्र हुए करीब 300 प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया।
 
झाओ नाम के एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि उसके एक मित्र को पुलिस ने पीटा और उसके दो मित्रों के खिलाफ मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शनकारी ने अपना उपनाम ही बताया।
 
उसने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘शी जिनपिंग, इस्तीफा दो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो’, ‘शिनजियांग से प्रतिबंध हटाओ, चीन से प्रतिबंध हटाओ’, ‘हम पीसीआर (जांच) नहीं कराना चाहते, स्वतंत्रता चाहते हैं’ और ‘प्रेस की स्वतंत्रता’ सहित कई नारे लगाए।
 
इससे पहले शनिवार को शिनजियांग क्षेत्र के अधिकारियों ने उरुमकी में कुछ मोहल्लों से प्रतिबंध हटा दिया। उरुमकी के निवासियों द्वारा शहर में तीन महीने से अधिक समय से लागू ‘लॉकडाउन’ के खिलाफ देर रात असाधारण प्रदर्शन किए जाने के बाद अधिकारियों को प्रतिबंध हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
 
कई लोगों का आरोप है कि वायरस संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर लगाए गए अवरोधकों के कारण आग और भीषण हो गई तथा आपात कर्मियों को आग बुझाने में तीन घंटे का समय लगा, लेकिन अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि इमारत में कोई अवरोधक नहीं लगाए गए थे तथा निवासियों को वहां से जाने की अनुमति थी।
 
इस बीच, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को बताया कि देश में शनिवार देर तक संक्रमण के 39,501 मामले सामने आए। देश में लगातार चौथे दिन संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। शंघाई जैसे प्रमुख शहरों में मामलों में अप्रैल में आई तेजी के बाद से यह संख्या सर्वाधिक है। भाषा