चोटों से जूझ रही दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका की टीमों को उम्मीद होगी कि उनके अनुभवी खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और शनिवार को यहां दोनों टीम के बीच होने वाले विश्व कप मुकाबले को जीतकर विजयी शुरुआत करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका की टीम चोटिल तेज गेंदबाजों एनरिच नोर्खिया और सिसांडा मगाला के बिना उतरेगी जबकि श्रीलंका को सीमित ओवरों के उसके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज लेग स्पिनर वानिंदु हसरंगा की सेवाएं नहीं मिलेंगी। श्रीलंका के मुख्य तेज गेंदबाज दुष्मंता चमीरा और लाहिरू मदुशंका भी चोटिल हैं।
नोर्खिया की गैरमौजूदगी में दक्षिण अफ्रीका की टीम अनुभवी कागिसो रबादा और 23 साल के गेराल्ड कोएट्जी पर काफी निर्भर करेगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में हुई श्रृंखला में केशव महाराज और तबरेज शम्सी की स्पिन जोड़ी सफल रही थी लेकिन भारत में इनका रिकॉर्ड काफी अच्छा नहीं है। अनुकूल हालात में हालांकि वे इसमें सुधार करना चाहेंगे।
आक्रामक बल्लेबाज डेविड मिलर और कप्तान तेम्बा बावुमा अच्छी फॉर्म में हैं। शीर्ष क्रम में विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक के साथ बावुमा की जोड़ी श्रीलंका के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
हेनरिक क्लासेन के पास पहली ही गेंद से विरोधी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता है और वह दक्षिण अफ्रीका के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं जिसे अपनी पहली आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार है।
दक्षिण अफ्रीका को उम्मीद होगी कि उनका बल्लेबाजी क्रम श्रीलंका के खिलाफ उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
अहम गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में श्रीलंका को महीश तीक्षणा और दुनिथ वेलालागे की स्पिन जोड़ी से काफी उम्मीदें होंगी। लाहिरू कुमारा, दिलशान मदुशंका, मथीसा पथिराना और कासुन रजिता तेज गेंदबाजी विभाग में जिम्मेदारी संभालेंगे।
दिमुथ करूणारत्ने, कुसाल परेरा, पथुम निसांका, सदीरा समरविक्रम और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज कुसाल मेंडिस के रूप में श्रीलंका का बल्लेबाजी क्रम प्रभावी है। हालांकि सलामी बल्लेबाज निसांका और कप्तान दासुन शनाका की फॉर्म चिंता की बात हो सकती है।(भाषा)