नोटबंदी से देश को होगा अरबों का नुकसान : फोर्ब्स

एक तरफ केंद्र सरकार नोटबंदी के फैसले पर खुद की पीठ थपथपाती दिख रही है, भाजपा के नेता, मंत्री मोदी के इस फैसले की जमकर तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। सरकार का दावा है नोटबंदी से कालाधन समाप्त होगा और अमीरी-गरीबी की असमानता मिटेगी, वहीं दूसरी ओर अमेरिका की प्रतिष्ठित फोर्ब्स सरकार के इस फैसले को देश के लिए घातक बताया है। पत्रिका के मुताबिक नोटबंदी से देश में अरबों का नुकसान हो सकता है, वहीं दूसरी इस फैसले से देश के गरीब लाखों लोगों की हालत बदतर हो सकती है।
फोर्ब्स के 24 जनवरी 2017 के अंक में छपे लेख में कहा गया है कि मोदी सरकार के इस फैसले से भारत के पहले से ही गरीब लाखों लोगों की हालत और खराब हो सकती है। फोर्ब्स पत्रिका के स्टॉफ स्टीव फोर्ब्स में लिखा है कि देश की ज्यादातर नकदी को बंद कर दिया गया। नोटबंदी से हैरान नागरिकों को नोट बदलने के लिए कुछ ही हफ्तों का समय दिया गया।
 
गरीबी में जी रहे लाखों लोग : फोर्ब्स के मुताबिक आर्थिक उथल-पुथल को इस बात से भी बढ़ावा मिला कि सरकार पर्याप्त मात्रा में नए नोट नहीं छाप पाई, नए नोटों का आकार भी पुराने नोटों से अलग है, इस कारण से एटीएमों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई। लेख में कहा गया है, भारत हाईटेक पावरहाउस है लेकिन देश के लाखों लोग अभी भी भीषण गरीबी में जी रहे हैं। नोटबंदी के फैसले के कारण भारतीय शहरों में काम करने वाले कामगार अपने गांवों को लौट गए हैं क्योंकि बहुत से कारोबार बंद हो रहे हैं। 
 
भारत को अरबों डॉलर का नुकसान : फोर्ब्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था के नकद पर अत्यधिक निर्भर होने का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि यहां अधिकांश लोग नियमों और टैक्स की जटिल प्रक्रिया के कारण अनौपचारिक तरीके अपनाते हैं। फोर्ब्स ने नोटबंदी के फैसले को जनता की संपत्ति की लूट बताया है। फोर्ब्स ने लिखा कि भारत सरकार ने उचित प्रक्रिया के पालन का दिखावा भी नहीं किया। किसी लोकतांत्रिक सरकार का ऐसा कदम हैरान कर देने वाला है। फोर्ब्स के मुताबिक भारत सरकार इस तथ्य को दबा रही है कि नोटबंदी के फैसले से भारत को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।

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