नए साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि तीन महीने के भीतर तीन करोड़ ‘किसान क्रेडिट कार्ड’को रूपे कार्ड में तब्दील किया जाएगा। इससे किसान कहीं से भी खेती के लिए खाद, बीज आदि खरीद सकेंगे। जिला सहकारी बैंकों तथा समितियों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नाबार्ड को 20,000 करोड़ रपए अतिरिक्त उपलब्ध कराए जाएंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह में यह धारणा बनाने की कोशिश की गयी कि कृषि क्षेत्र बर्बाद हो गया। ऐसा कहने वालों को किसानों ने खुद ही जवाब दे दिया। रबी फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक हुई है जबकि इस दौरान उर्वरकों का उठाव भी नौ प्रतिशत बढ़ा है।’’ सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है कि किसानों को बीज, खाद और कर्ज के अभाव में परेशान नहीं होना पड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हमने किसानों के हित में कुछ और फैसले किए हैं। जिन किसानों ने रबी फसल के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों तथा सहकारी समितियों से कर्ज लिया है, उन्हें ऐसे कर्ज पर 60 दिन का ब्याज नहीं देना होगा।’’ उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पिछले दो महीने के दौरान ब्याज का भुगतान किया, उन्हें वह पैसा सीधे उनके बैंक खाते में मिल जाएगा। मोदी ने कहा, ‘‘किसानों को जिला सहकारी बैंकों तथा प्राथमिक समितियों से आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की जा रही है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक :नाबार्ड: ने पिछले महीने 21,000 करोड़ रपए का कोष सृजित किया। उन्होंने कहा कि अब सरकार इसमें 20,000 करोड़ रपए और जोड रही है। नाबार्ड को सहकारी बैंकों तथा प्राथमिक समितियों को कम ब्याज दर पर कर्ज देने से जो नुकसान हुआ है, उसे भारत सरकार पूरा करेगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान क्रेडिट कार्ड सभी बैंकों में चले, मोदी ने कहा कि सरकार ने निर्णय किया है कि तीन करोड़ किसान जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, उन्हें तीन महीने के भीतर रूपे डेबिट कार्ड दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट 1998 में पेश किया गया लेकिन अब तक इसके उपयोग के लिए यह जरूरी था कि वे इसके लिए बैंक जाएं। अब किसानों के पास रूपे डेबिड कार्ड होगा जिसका वे कहीं भी उपयोग कर सकते हैं। कृषि मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार रबी फसल के अंतर्गत 30 दिसंबर तक कुल 582.87 लाख हैक्टेयर भूमि पर खेती की बुवाई हुई है जो एक साल पहले के 546.46 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 6.85 प्रतिशत अधिक है।