क्या यही 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' है ?

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018 (17:02 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी जहां ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’का नारा देते नहीं थकते वहीं उन्हीं की पार्टी के शासन वाले राज्यों में गैंगरेप की दो घटनाओं ने ना सिर्फ देशवासियों को शर्मसार किया है बल्कि महिला सुरक्षा के दावों की असलियत भी सामने ला दी है। लेकिन बात-बात में संसद में हर बात के लिए पंडित नेहरू को कोसने वाले प्रधानमंत्री चुप हैं।
 
इतना ही नहीं, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर हमेशा मुखर रहने वालीं भाजपा की कई महिला मंत्री भी उन्नाव और कठुआ की घटनाओं को लेकर चुप हैं। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को भाजपा में मुखर और वाकपटु वक्ता माना जाता है लेकिन जब दिल्ली में एक प्रमुख न्यूज चैनल के रिपोर्टर ने इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला। 
 
विदित हो कि दिल्ली में ही हुए निर्भया कांड के बाद उन्होंने तत्कालीन प्र‍धानमं‍त्री मनमोहन सिंह को चूडि़यां भेजी थीं लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री को क्या भेजना चाहेंगी, शायद वे ना बता सकें। विदित हो कि सरकार की नीतियों का बढ़-चढ़कर बखान करने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी दिल्ली के हनुमान मंदिर में भाजपा के उपवास के लिए आईं थीं। 
 
ये उपवास कांग्रेस की ओर से संसद नहीं चलने देने के विरोध में भाजपा ने रखे थे। इस मामले पर जब केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल से पूछा गया तो उनका कहना था कि सरकार अपना काम कर रही है और सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़ितों को इंसाफ मिले। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं पर अत्याचार और भाजपा शासित राज्यों में कानून और व्यवस्था की खराब स्थिति के विरोध में भी उपवास रखेंगे।
 
मोदी सरकार की एक और मंत्री उमा भारती ने कठुआ की घटना को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों से सावधान रहने की अपील की। केंद्रीय पेयजल मंत्री सुश्री भारती ने कहा कि ये जघन्य अपराध है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है लेकिन इस घटना में कानून को अपना काम करने दिया जाए।
 
केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने उन्नाव गैंगरेप केस की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना की और कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। जब मेनका गांधी से इंसाफ में देरी होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साधने में बेहतरी समझी।
 
जब केंद्र में यूपीए के शासन के दौरान निर्भया रेप केस को लेकर भाजपा महिला सुरक्षा को लेकर मनमोहन सरकार पर हमले करते नहीं थकती थी। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा का ही था- 'बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार।'
 
निर्भया रेप केस पर आक्रोश जताने के लिए भाजपा की ओर से तब सड़कों पर जो महिला चेहरे उतरते थे, अब वे ही ऐसी घटनाओं पर राजनीति के लिए विपक्ष को कोसते नहीं थक रहे। जबकि पिछले चार साल से उन्हीं की सरकार है। कठुआ रेप मामले पर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने विपक्ष को कोसते हुए कहा कि वे किसी पर भी आरोप लगा सकते हैं, उन पर भी जो वहां मौजूद भी नहीं थे। लेकिन कानून अपना काम करेगा। 
 
सुश्री लेखी का कहना था कि उन्हें (विपक्ष) संसद का सम्मान नहीं आता, उन्हें कानून का सम्मान नहीं आता, फिर वो क्यों ऐसी भाषा बोल रहे हैं? कठुआ और उन्नाव पर बोलने को बेशक भाजपा नेताओं के पास ज्यादा कुछ ना हो लेकिन विपक्ष के खिलाफ अपने उपवास को लेकर वे बढ़-चढ़ कर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश करते दिखे। देश की संसद न चलने का रोना रोने वालों को इन घटनाओं में कहीं कुछ अमानवीय, घृणित नहीं दिखा।   
 
गुरुवार को देश के पीएम मोदी ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने के विरोध में अनशन किया। मोदी के साथ ही इस अनशन में भाजपा के तमाम सांसदों, मुख्यमंत्रियों और विधायकों ने भी उपवास रखा। लेकिन महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला वीडियो आया है। इस वीडियो में स्थानीय भाजपा विधायक भीमराव टापकिर और संजय भेगड़े अनशन के दौरान ही सैंडविच, चिप्स और बरफी उड़ाते नजर आए। इससे थोड़ी देर पहले यही लोग अनशन पर बैठे थे। अनशन के बीच ये लोग किसी सरकारी बैठक में गए जहां इन लोगों ने नाश्ते का भरपूर मजा उठाया।
 
हालांकि वे इसी बात के लिए कांग्रेसियों की छोले भटूरे पार्टी को कोसते हैं।

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