12 सितंबर: महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि, जानें 5 अनुसनी बातें

WD Feature Desk
गुरुवार, 12 सितम्बर 2024 (11:14 IST)
Highlights : 
 
महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि आज।  
महंत अवैद्यनाथ के बारे में जानें।  
महंत अवैद्यनाथ कौन थे। 

जन्म: 28 मई 1921
मृत्यु: 12 सितम्बर 2014
 
Mahant Avaidyanath: आज गोरक्षपीठाधीश्वर महंत एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूज्य गुरुदेव अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि है। आइए यहां पढ़ें उनके बारे में 5 खास बातें...
 
- महंत अवैद्यनाथ का जन्म गढ़वाल/ उत्तरांचल जिले के कांडी गांव में 28 मई 1921 को हुआ था। उनका वास्तविक नाम कृपाल सिंह बिष्ट था, जो कि रायसिंह बिष्ट (विष्ट) के इकलौते पुत्र थे। बचपन में ही उनके माता-पिता का साया सिेर से उठ गया था, जिसके कारण उनका मन संसार से विरक्त हो गया। 
 
- महंत अवैद्यनाथ ने वाराणसी और हरिद्वार में संस्कृत का अध्ययन किया तथा केदारनाथ, ब्रदीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री तथा कैलाश मानसरोवर की यात्राएं की थीं। अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर का सपना उन्होंने ही देखा था।     
 
- उनके गुरु गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ थे, जो हिंदुत्व को बहुत महत्व देते थे। महंत अवैद्यनाथ भी धर्माचार्य रहे तथा देश और संत समुदाय में बेहद सम्माननीय थे। वे मासिक पत्रिका योगवाणी के संपादक भी रहे थे। साथ ही श्री रामजन्म भूमि यज्ञ समिति के अध्यक्ष और रामजन्म भूमि न्यास समिति के आजीवन सदस्य भी रहे हैं। 
 
- महंत अवैद्यनाथ राजनीति में भी सक्रिय थे, अतः वे 4 बार सांसद और 5 बार विधायक रहे। वे राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी और गोरक्षपीठ के महंत एवं नेता भी रहे थे। 
 
- पैंक्रियाज कैंसर से पीड़ित होने के कारण महंत अवैद्यनाथ का 12 सितंबर 2014 को ब्रह्मलीन हुए। अत: आज एक भारतीय राजनीतिज्ञ, गोरक्षपीठाधीश्वर तथा प्रमुख हिंदू मंदिर के मुख्य पुजारी गुरुदेव महंत अवैद्यनाथ पुण्यतिथि मनाई जा रही है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख