राखी बिड़लान : प्रोफाइल

राखी बिड़लान 2013 के चुनावों में उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार के कद्दावर मंत्री चार और बार के विधायक राजकुमार चौहान को मंगोलपुरी सीट शिकस्त दी थी। 26 की उम्र में राखी बिड़लान 49 दिन की केजरीवाल सरकार में मंत्री बनीं। वे केजरीवाल के मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला थीं। 2015 के चुनावों में राखी फिर मंगोलपुरी सीट से चुनाव मैदान में हैं।  
 

वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखने वाली राखी इस वर्ग के लिए सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम भी करती रही हैं। चार बहनों में सबसे छोटी राखी के पिता भूपेंद्र कुमार बिड़लान लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे लेकिन जन लोकपाल के लिए चले आंदोलन के दौरान उन्होंने 2011 में पार्टी छोड़ दी थी।

राखी का परिवार पिछली चार पीढ़ियों से समाजसेवा से जुड़ा रहा है। उनके परदादा और फिर उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने जनसंचार में मास्टर की डिग्री प्राप्त की और एक स्थानीय चैनल में संवाददाता बतौर काम करने लगीं बतौर पत्रकार ही उन्होंने जन लोकपाल की मुहिम को कवर किया और इंडिया अगेंस्ट करप्शन तथा अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आईं।

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