अन्ना हजारे ने बताया, दिल्ली चुनाव में क्यों हारी केजरीवाल की पार्टी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 8 फ़रवरी 2025 (15:05 IST)
Delhi Election Results : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी(आप) को शराब नीति और पैसे पर ध्यान केंद्रित करने के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तथा वह लोगों की निस्वार्थ सेवा करने के अपने कर्तव्य को समझने में विफल रही।
 
वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उम्मीदवार का चरित्र साफ होना चाहिए और उसे त्याग के गुण पता होने चाहिए। केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी स्थापना 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद हुई थी। ALSO READ: दिल्ली चुनाव में करारी हार, क्या बोले केजरीवाल?
 
उन्होंने कहा कि शराब नीति के मुद्दे के साथ पैसा आया और वे उसमें डूब गए। आम आदमी पार्टी की छवि खराब हुई। लोगों ने देखा कि वह(अरविंद केजरीवाल) पहले स्वच्छ चरित्र की बात करते हैं और फिर शराब नीति की। आम आदमी पार्टी इसलिए हारी क्योंकि वह लोगों की निस्वार्थ सेवा करने की जरूरत को समझने में विफल रही और उसने गलत रास्ता अपना लिया।
 
हजारे ने कहा कि आम आदमी पार्टी इसलिए हारी क्योंकि वह निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने की जरुरत को समझने में विफल रही और उसने गलत रास्ता अपना लिया। पैसे ने सबसे आगे रहकर आप की छवि को नुकसान पहुंचाया और इसकी हार हुई।
 
केजरीवाल को हजारे का समर्थक माना जाता है, लेकिन 2012 में आप पार्टी के गठन के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए थे। हजारे ने कहा कि आम आदमी पार्टी के गठन के समय से ही वह राजनीति से दूर रहे। ALSO READ: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के साथ अर्श से फर्श पर अरविंद केजरीवाल?
 
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि मैं शुरू से ही कहता आया हूं कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार का चरित्र साफ और बेदाग होना चाहिए। उम्मीदवार त्याग के गुणों से परिचित होना चाहिए और अपमान सहने की क्षमता होनी चाहिए। ये गुण (प्रत्याशियों में) लोगों का भरोसा जीतते हैं, जिन्हें लगता है कि उम्मीदवार उनके लिए कुछ करेगा। मैं यह कहता रहा, लेकिन वे (आम आदमी पार्टी) इसे समझ नहीं पाए। हजारे ने कहा कि जब आरोप सामने आते हैं तो लोगों को यह बताना जरूरी है कि ये आरोप गलत हैं।
 
भाजपा 27 साल के बाद दिल्ली की सत्ता पर आसीन होने की ओर अग्रसर है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रूझानों और परिणामों के अनुसार, भाजपा 70 सदस्यीय विधानसभा की 47 सीट पर जबकि आम आदमी पार्टी 23 सीट पर आगे है।
Edited by : Nrapendra Gupta

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