Delhi Election news : दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है। मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। इधर इंडिया गठबंधन में शामिल तृणमूल कांग्रेस, सपा, राजद और शिवसेना यूबीटी केजरीवाल की पार्टी को समर्थन का एलान कर चुके हैं। अब वाम दलों ने चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने कहा कि वाम दलों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में छह सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वाम दल अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले सबसे मजबूत उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि माकपा 6 में से 2 सीट पर चुनाव लड़ेगी और राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
केजरीवाल ने 'एक्स' पर पोस्ट करके लिखा, टीएमसी ने दिल्ली चुनाव में आप को समर्थन देने की घोषणा की है। पिछले तीन चुनाव के नतीजे भी केजरीवाल के पक्ष में गए हैं। यही कारण हो सकता है कि अखिलेश यादव और अन्य इंडिया गठबंधन के दलों ने विशेष तौर पर दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया।
कांग्रेस क्यों पड़ी अलग-थलग : इंडिया गठबंधन के नेतृत्व का दावा करने वाली कांग्रेस दिल्ली चुनाव में अलग-थलग दिखाई दे रही है। भले ही दिल्ली चुनाव में 'आप' और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही हों, लेकिन इंडिया गठबंधन के बाकी घटक दल भी पूरी नजर चुनाव पर बनाए हुए हैं।
पिछले वर्ष हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने खुले तौर पर कांग्रेस को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था। हरियाणा और दिल्ली चुनाव में अखिलेश की रणनीति में काफी बदलाव हुआ है। हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया के घटक दलों का कांग्रेस के प्रति नजरिया भी बदल गया है। हालांकि कांग्रेस ने कहा कि वह पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में है।