नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में आम सहमति से शीला दीक्षित को तीसरी बार विधायक दल का नेता चुना जाता है। इसके साथ ही शुरू हो जाती है आतिशबाजी। पटाखे फूटने से पता चलता है कि अंदर बैठक में घोषणा हो गई है। तीसरी बार जीत का इतिहास बनाने वाली श्रीमती दीक्षित को पिछली बार की तरह इस बार मुख्यमंत्री बनने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा। दिल्ली कांग्रेस के दफ्तर में दोपहर 12.30 बजे नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक शुरू हुई।
बैठक की शुरुआत में श्रीमती दीक्षित ने प्रस्ताव रखा कि विधायक दल के नेता का चयन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर छोड़ दिया जाए। इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक मोहसिना किदवई ने सोनिया से फोन पर बात करके उन्हें जानकारीकिदवई ने दीक्षित के नाम का प्रस्ताव किया। चौधरी प्रेम सिंह ने इसका समर्थन किया। बैठक में दूसरे केंद्रीय पर्यवेक्षक पवन बंसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, सांसद कपिल सिब्बल, जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार भी मौजूद थे। (नईदुनिया)