नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए इसी 4 दिसंबर को होने वाले मतदान में भाग लेते समय दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के दिमाग में भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार जैसे विषय प्रमुख हो सकते हैं।
छात्र संगठन परीक्षा का समय होने के बावजूद बड़ी संख्या में विद्यार्थियों द्वारा मतदान सुनिश्चित करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। छात्र-छात्राएं मतदान वाले दिन का इंतजार बड़ी शिद्दत से कर रहे हैं, क्योंकि इनमें से अधिकतर को पहली बार मताधिकार मिला है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि भ्रष्टाचार, बेरोजगार, खाद्य पदार्थों के अधिक दाम और महिलाओं की सुरक्षा अन्य लोगों की तरह ही उनकी चिंता की सबसे बड़ी वजह हैं और वे चाहते हैं कि चुनाव लड़ रहीं पार्टियां गंभीरता से उनके मुद्दों पर ध्यान दें।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की सचिव करिश्मा ठाकुर ने कहा कि परिसर में महिलाओं की सुरक्षा वाकई बड़ी चिंता की बात है।
उन्होंने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा वाकई एक मुद्दा है, जो विद्यार्थियों की शीर्ष प्राथमिकता में है। जो भी पार्टी यह विश्वास दिला सके कि वह परिसर में सुरक्षा के सर्वश्रेष्ठ बंदोबस्त करेगी, उसे छात्रों का समर्थन मिलेगा।
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़ीं करिश्मा के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के अवसरों का विश्वास दिलाना भी बड़ा निर्णायक कारक होगा। डूसू के इस साल के चुनावों में कब्जा करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की प्राथमिकता में भी रोजगार और महिला सुरक्षा शीर्ष पर हैं।
एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष रोहित चहल के अनुसार कि भ्रष्टाचार ऐसा मुद्दा है, जो विद्यार्थियों समेत हम सभी को प्रभावित करता है। यह राष्ट्रीय मुद्दे की तरह परिसर का भी मुद्दा है। (भाषा)