दीपावली के पांच दिनी महोत्सव का अंतिम दिन होता है भाई दूजा। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को इस त्योहार को मनाया जाता है। इसीलिए इसे यम द्वितीया भी कहते हैं।
रक्षा बंधन या राखी के बाद यदि भाई बहन के संबंधों को मजबूत करने वाला कोई दूसरा त्योहार या पर्व है तो वह है- भाई दूज। भाई दूज को अलग-अलग प्रांतों में निम्नलिखित नाम से संबोधित किया जाता है।
भाई दूज को संस्कृत में भागिनी हस्ता भोजना कहते हैं। कर्नाटक में इसे सौदरा बिदिगे के नाम से जानते हैं तो वहीं बंगाल में भाई दूज को भाई फोटा के नाम से जाना जाता है। गुजरात में भौ या भै-बीज, महाराष्ट्र में भाऊ बीज कहते हैं तो अधिकतर प्रांतों में भाई दूज। भारत के बाहर नेपाल में इसे भाई टीका कहते हैं। मिथिला में इसे यम द्वितीया के नाम से ही मनाया जाता है।