कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन के अधिपति होने के कारण कुबेरको मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।
कुबेर मंत्र को दक्षिण की और मुख करके ही सिद्ध किया जाता है।
अति दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।
विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग: