रवि पुष्य नक्षत्र दीपावली के पहले खरीदी का स्वयं सिद्ध मुहुर्त माना जाता है। इस बार इसका आरंभ शनिवार 22 अक्टूबर शाम से होगा जो अगले दिन रविवार रात 8.40 बजे तक रहेगा। शनि और पुष्य का यह संयोग 24 घंटे रहेगा, जबकि रवि पुष्य 15 घंटे का होगा। रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी का विशेष योग है।
कई मंगलमयी संयोग - पुष्य नक्षत्र के साथ अमृत सिद्धि योग, अहाई अष्टमी, सूर्य व बुध के साथ होने से बुधादित्य राजयोग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इस दिन सोना, भूमि, भवन, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बहीखाते, महालक्ष्मी पूजन की सामग्री खरीदने का बेहद महत्व है।