सिर्फ कुत्ते नहीं इन 4 जानवरों के काटने से भी होता है Rabies, जानें कैसे करें इससे बचाव

WD Feature Desk
शुक्रवार, 6 सितम्बर 2024 (16:09 IST)
Rabies Virus
Rabies Virus : रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। यह बीमारी आमतौर पर कुत्तों के काटने से फैलती है, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि कई अन्य जानवर भी रेबीज के वायरस को फैला सकते हैं। ALSO READ: स्किन को ग्लोइंग बनाने से लेकर बालों तक के लिए फायदेमंद है आंवले का बीज! जानें कैसे करें सेवन
 
रेबीज फैलाने वाले 5 जानवर:
1. कुत्ते : कुत्ते रेबीज के सबसे आम वाहक होते हैं।
 
2. बिल्लियां : बिल्लियां भी रेबीज फैला सकती हैं, खासकर यदि वे जंगली बिल्लियों के संपर्क में आई हैं। ALSO READ: कैसे फैलता है Monkeypox? जानिए क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव
 
3. लोमड़ी : लोमड़ियां रेबीज के वायरस को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
 
4. चमगादड़ : चमगादड़ रेबीज के वायरस को फैलाने वाले सबसे खतरनाक जानवरों में से एक हैं।
 
5. बंदर : बंदर भी रेबीज के वायरस को फैला सकते हैं, खासकर यदि वे जंगली बंदरों के संपर्क में आए हैं।
 
रेबीज के लक्षण:
रेबीज के लक्षण काटने के बाद कुछ हफ़्तों या महीनों में दिखाई देते हैं। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, और जलन शामिल हैं। जैसे-जैसे बीमारी आगे बढ़ती है, लक्षण और भी गंभीर हो जाते हैं, जैसे कि लकवा, भ्रम, दौरे, और कोमा।
रेबीज से बचाव के उपाय:
1. जानवरों से दूर रहें : जंगली या पालतू जानवरों से दूर रहें, खासकर यदि वे आक्रामक या बीमार दिख रहे हैं।
 
2. जानवरों को टीका लगवाएं : अपने पालतू जानवरों को रेबीज के टीके लगवाएं।
 
3. काटने पर तुरंत कार्रवाई करें : यदि आपको किसी जानवर ने काट लिया है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
 
4. घाव को साफ करें : काटने के बाद घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं।
 
5. रेबीज का टीका लगवाएं : डॉक्टर आपको रेबीज का टीका लगवाने की सलाह दे सकते हैं।
 
डॉक्टर के अनुसार रेबीज एक गंभीर बीमारी है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। यदि आपको किसी जानवर ने काट लिया है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना बेहद ज़रूरी है।
 
रेबीज एक घातक बीमारी है, लेकिन इससे बचाव संभव है। जानवरों से दूर रहें, अपने पालतू जानवरों को टीका लगवाएं, और काटने के बाद तुरंत चिकित्सा सहायता लें। रेबीज के बारे में जागरूकता बढ़ाने से हम इस बीमारी से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।
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