छात्रों में मैथ्स का फोबिया होना आम बात है। कई छात्र मैथ्स का नाम सुनकर ही भागने लगते हैं जैसे कि यह सब्जेक्ट न होकर कोई भूत हो, लेकिन इस डर के कारण वे यह समझ ही नहीं पाते कि मैथ्स कोई हौवा नहीं बल्कि शत-प्रतिशत स्कोरिंग वाला सब्जेक्ट है।
इस विषय पर ध्यान दिया जाए तो यह आपकी ओवरऑल स्कोरिंग को भी बढ़ाता है और आपको आगे की एक्ज़ाम के लिए कॉन्फिडेंस भी देता है। जरूरत है बस इसके प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की। अगर आप भी मैथ्स में कमजोर हैं या फिर इससे डरते हैं तब नीचे लिखे टिप्स पर गौर करें :
- सबसे पहले तो यह बात दिमाग से निकाल दें कि यह विषय कठिन है और बाकी विषयों की तरह इसे भी मन लगाकर समझें।
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- मैथ्स की सारी प्रॉब्लम्स कॉन्सेप्ट पर ही अधारित होती हैं इसलिए इसके हर कॉन्सेप्ट को अच्छी तरह समझें और अगर कुछ समझ न आए तब बेहिचक अपने टीचर से पूछें। इसे तब तक पूछें जब तक कि यह आपको पूरी तरह से समझ न आ जाए।
- कॉन्सेप्ट के समझ आ जाने पर छोटे-छोटे सरल सवालों को हल करना प्रारंभ करें और धीरे-धीरे डिफिकल्टी लेवल बढ़ाते जाएं।
- जितना हो सके उतना अभ्यास करें, अभ्यास करने से कतराएं नहीं।
- याद रखिए यह विषय रटने के लिए नहीं है इसलिए सवालों को रटने की भूल न करें।
- अपने डाउट जितनी जल्दी हो क्लियर करें, इसे टालते न रहें।
- अगर किसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन नहीं बन रहा हो तब इससे निराश न हों एक बार फिर कोशिश करें।
- अपनी गलतियों से सीखें।
- मैथ्स के जरूरी फार्मूलों की लिस्ट बनाएं और समय-समय पर उसे पढ़ते रहें।
- बार-बार सिर्फ उन्हीं सम को सॉल्व न करें जो सरल हों या फिर आपसे बनते हों। कठिन और चुनौतीपूर्ण सम को सॉल्व करने की कोशिश करें।
- प्रतिदिन मैथ्स के लिए टाइम निकालें और उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- समझने के लिए गाइड का सहारा लें लेकिन उसके आदि न बनें। अपनी कोर्स बुक से ही पढ़ाई करें।