Expert Advice - एसिडिटी या माइल्ड हार्ट अटैक में कैसे करें दोनों में अंतर

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आज के वक्त में एसिडिटी की समस्या आम बात हो गई है। लेकिन इसी के साथ एक बड़ी बीमारी भी जन्म ले रही है वह है माइनर हार्ट अटैक। जी हां, यह दोनों बीमारी गंभीर बीमारी है। अगर आप बीमारी की समझ कर सही उपचार ले लेते हैं तो जान बच सकती है अन्यथा कोई गंभीर बीमारी घर कर सकती है। जैसे कि एसिडिटी अधिक होने पर आपका ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। माइनर हार्ट अटैक से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। इन दोनों में कैसे अंतर करें, क्या अलग - अलग लक्षण है, खानपान में क्या बदलाव करना चाहिए। सामान्य दिखने वाली इस बीमारी को लेकर वेबदुनिया ने डाॅ रवि दोसी से विशेष चर्चा की। आइए जानते हैं क्या कहा ?

एसिडिटी और माइल्ड हार्ट अटैक में कैसे अंतर करें?

पेट में एसिड की मात्रा अधिक होने से एसिडिटी बढ़ जाती है। एसिडिटी होने पर पेट मे ंदर्द और जलन होती है। माइल्ड हार्ट अटैक में हार्ट की कोई एक नस ब्लाॅक हो जाती है जिससे खून का थक्का जम जाता है और खून का सप्लाए रूक जाता है और दर्द शुरू हो जाता है। यह दोनों अलग - अलग है दोनों का इलाज भी बिल्कुल अलग तरह से होता है।

एसिडिटी और माइल्ड हार्ट अटैक के लक्षण

एसिडिटी होने पर छाती के मध्य भाग में दर्द का एहसास होता है, डकार आती है, अपच की समस्या, मोशन ठीक से नहीं होता है। हार्ट अटैक के दौरान इंसान को उल्टे हाथ की तरफ दर्द होता है। दर्द इस कदर होता है कि पूरा हाथ झुंझला जाता है। इस दौरान पसीना भी बहुत आता है और सीने में दर्द उठता है।

खानपान में बदलाव

जिन्हें एसिडिटी की समस्या है उन्हें तीखा न के बराबर खाना चाहिए। साथ ही फ्राइड आयटम्स भी नहीं खाना चाहिए। हार्ट अटैक मरीज को तला हुआ और फैट बढ़ाने वाली चीजों से परहेज करना चाहिए। क्योंकि अधिक तेल का खाने से खून गाढ़ा होता है

हार्ट अटैक मरीज एक्सरसाइज और योग कर सकते हैं?

हार्ट मरीज को सिर्फ डॉक्टर की सलाह अनुसार ही एक्सरसाइज और योग करना चाहिए। एक सीमित तरह से ही कर सकते हैं। हालांकि पहले यह जानना होता है कि उनके दिल किस तरह से कितना काम कर रहा है।अगर हार्ट फंक्शन अच्छा है तो वह कर सकते हैं और अगर दिल पर बुरा असर है तो एक्सरसाइज करना घातक हो सकता है।

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