2. शमी के पत्ते देकर बधाई देते हैं : फिर इसके बाद सभी लोग स्वर्ण के प्रतीक शमी पत्तों को या सोना पत्ती को एक-दूसरे को बांटकर एक-दूसरे से मिलकर दशहरे की बधाई देते हैं। आपसी शत्रुता भुलाने के लिए इस दिन लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं। इन दिन सारे गिले-शिकवे दूर करके अपनों को गले लगाकर उसने पुन: रिश्ता कायम किए जाने का भी प्राचलन रहा है।
3. दशहरी देना : इस दिन कई लोग एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छूकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं और छोटो को दशहरी देते हैं। दशहरी देने का अर्थ है बच्चों को कुछ रुपये या गिफ्ट देना।
5. पारिवारिक पार्टी : इस दिन कई लोग अपने घरों में या अन्य जगह पर पारिवारिक पार्टी का आयोजन भी करते हैं। बहुत से घरों में कुटुंभ भोज का आयोजन होता है। सभी कुल परिवार खानदान के लोग एकत्रित होकर भोज करते हैं। कई जगहों पर सार्वजनिक रूप से दशहरा मिलन समारोह का आयोजन भी होता है, जहां पर लोग एक दूसरे से मिलते हैं। स्वल्पाहर या भोजन करते हैं।