Ekadashi kab hai 2024: आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस दिन एकादशी का श्राद्ध भी किया जाता है। इस एकादशी का खासा महत्व है क्योंकि इस दिन पितरों को अधोगति से मुक्ति के लिए जो श्राद्ध कर्म किया जाता है वह तुरंत ही फलदायी होता है। इस दिन वृषोत्सर्ग कर्म करने से दिवंगतों को वैतरणी नदी पार करने में मदद मिलती है।
इंदिरा एकादशी व्रत दिनांक:- 28 सितंबर 2024 शनिवार।
इंदिरा एकादशी पारणा मुहूर्त:- सितंबर 29 को प्रात: 06:13:11 से 08:36:20 तक
इंदिरा एकादशी का महत्व- Importance of Indira Ekadashi:-
इस एकादशी पर भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है।
इंदिरा एकादशी के समय श्राद्ध पक्ष चल रहे होते हैं।
पितरों के उद्धार के लिए इंदिरा एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है।
इस एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य की सात पीढ़ियों तक के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
स्वयं इस व्रत को करने वाले मनुष्य को भी मोक्ष प्राप्त होता है।
सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूसरी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए।
जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी यानी दूसरे दिन की एकादशी रहती है। इस दिन वैष्णवजन एकादशी रखते हैं।
इंदिरा एकादशी | indira ekadashi: आश्विन माह में इंदिरा एवं पापांकुशा एकादशी आती है। पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली इंदिरा एकादशी के व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति होती है जबकि पापांकुशा एकादशी सभी पापों से मुक्त कर अपार धन, समृद्धि और सुख देती है। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। इंदिरा एकादशी के दिन विधिवत रूप से व्रत करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे नया जीवन प्राप्त करते हैं।