kamika ekadashi : आज यानि 31 जुलाई, बुधवार को कामिका एकादशी व्रत रखा जा रहा है। यह एकादशी व्रत सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। कामिका एकादशी व्रत के दिन शंख, चक्रधारी भगवान श्रीविष्णु का पूजन किया जाता है।
आइए यहां जानते हैं कामिका एकादशी व्रत की विशेष पूजन विधि....
कामिका एकादशी व्रत की पूजा विधि :
- सावन कृष्ण एकादशी/ कामिका एकादशी के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- पूजा घर में थोड़ा सा गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें।
- लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछा कर भगवान विष्णु की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें।
- मूर्ति के समक्ष पंचामृत, फल, मेवा और मिठाई अर्पित करें।
- उसके बाद विधि विधान से पूजा करें, कथा पढ़ें और आरती करें।
- भगवान की पूजा में घी का दीपक लगाना चाहिए।
- पूजन के वक्त ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
- भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करें।
- सावन की इस पहली एकादशी पर अनाज नहीं खाया जाता है। अत: इस व्रत में केवल पानी या दूध से बनी चीजें ही खाने का नियम होता है।
- ॐ श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
- ॐ नमो नारायणाय नम:
- ॐ श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कामिका एकादशी चातुर्मास में आती है, इसलिए भी यह विशेष महत्व की हो जाती है। सावन के महीने की पवित्रता भी इसमें शामिल होती है। इस व्रत को करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत करने पर अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।