मोक्षदा एकादशी : जानिए व्रत-पूजन की 7 जरूरी काम की बातें...

* मोक्ष दिलाने वाली है मोक्षदा एकादशी, ऐसे करें व्रत 
 

 
अगहन (मार्गशीर्ष) माह के शुक्ल पक्ष को आने वाली यह एकादशी मनुष्य को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त कराती है। इस व्रत को धारण करने वाला मनुष्य जीवन भर सुख भोगता है और अपने समय में निश्चित ही मोक्ष को प्राप्त होता है। मोक्ष दिलाने वाले इस दिन को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं। 
 
 
ऐसे करें मोक्षदा एकादशी व्रत :- 
 
* इस दिन प्रातः स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर प्रभु श्रीकृष्ण का स्मरण कर पूरे घर में पवित्र जल छिड़कें तथा अपने आवास तथा आसपास के वातावरण को शुद्ध बनाएं। 
 
* तत्पश्चात पूजा सामग्री तैयार करें।
 
* तुलसी की मंजरी (तुलसी के पौधे पर पत्तियों के साथ लगने वाला), सुगंधित पदार्थ विशेष रूप से पूजन सामग्री में रखें। 
 
* गणेशजी, श्रीकृष्ण और वेदव्यासजी की मूर्ति या तस्वीर सामने रखें। गीता की एक प्रति भी रखें। 
 
* इस दिन पूजा में तुलसी की मंजरियां भगवान श्रीगणेश को चढ़ाने का विशेष महत्व है।
 
* पूजा-पाठ कर व्रत कथा को सुनें, पश्चात आरती कर प्रसाद बांटें।
 
* चूंकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में उपदेश दिया था। अतः आज के दिन उपवास रखकर रात्रि में गीता-पाठ करते हुए या गीता प्रवचन सुनते हुए जागरण करने का भी काफी महत्व है। 

 

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