षटतिला एकादशी क्यों और कौनसे 6 कार्य करते हैं?

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Shat Tila Ekadashi Fast : माघ माह की ग्यारस को षटतिला एकादशी कहते हैं। अंग्रेजी माह के अनुसार 18 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। तिल के 6 प्रयोग के कारण ही इसे षटतिला एकादशी नाम दिया गया है। इस दिन विधिवत व्रत रखकर तिल के 6 उपाय जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके कई फायदे हैं।

 
षटतिला एकादशी पर करें तिल के 6 प्रयोग | Do 6 upaya of sesame on Shattila Ekadashi:
 
1. तिल स्नान : सबसे पहले तिल का प्रयोग जल में मिलाकर स्नान के लिए करते हैं। स्नान करने के बाद पीले कपड़े पहनते हैं। ऐसा करने से दुर्भाग्य का नाश होता है।
 
2. तिल का उबटन : दूसरा प्रयोग तिल का उबटन बनाकर करते हैं। इससे शरीर को लाभ मिलता है। आयोग्य की प्राप्ति होती है। इससे सर्दी के विकार दूर होते हैं।
 
3. तिल का हवन : पांच मुठ्ठी तिल से हवन करते हैं। हवन करते वक्त 108 बार ओम नमो भगवते वासुदेव मंत्र का जाप करें। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
4. तिल का तर्पण : इसके लिए आप दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं और विधिवत रूप से तिल का पितरों के निमित्त तर्पण करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता और संकट दूर होते हैं।
 
5. तिल का भोजन : संध्या के समय तिलयुक्त भोजन बनाकर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी को भोग लगाकर उसका सेवन करें। इस दिन तिलयुक्त फलाहारी होना चाहिए। यह सभी तरह के शारीरिक संताप को समाप्त करके आरोग्य प्रदान करता है।
 
6. तिल का दान : महाभारत में उल्लेख मिलता है कि जो भी व्रती माघ माह में ऋषि-मुनि या गरीबों को तिल का दान करता है वह नरक के दर्शन नहीं करता है। माघ माह में जितने तिलों का दान करेंगे उतने हजार वर्षों तक स्वर्ग में रहने का अवसर प्राप्त होगा।

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