पर्यावरण पर कविता : हरे भरे कल की पहल

डॉ. साधना सुनील विवरेकर
 
गर चाहें हरा भरा कल, करें आज ही पहल
गर करते हों वसुधा मां से प्यार
हरियाली का दो उसे उपहार
 
गर चाहें प्रकृति का उचित प्रबंधन
करें पर्यावरण का संरक्षण
 
पानी पेड़ पौधों का संबंध
प्रकृति का है प्रबंधन
 
आधुनिकता की है पहचान
जल जमीन से हो जुड़ाव

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