पेश है अहम बिंदू-
1.पर्यावरण की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी आवश्यक कदम उठाना।
2.पर्यावरण प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना।
3.पर्यावरण की गुणवत्ता के मानक निर्धारित करना।
4.पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित अधिनियमों के अंतर्गत राज्य-सरकारों, अधिकारियों और संबंधितों के काम में समन्वय स्थापित करना।
5.ऐसे क्षेत्रों का परिसीमन करना, जहां किसी भी उद्योग की स्थापना अथवा औद्योगिक गतिविधियां संचालित न की जा सकें। आदि। उक्त-अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है।