मार्गरेट थैचर : प्रोफाइल

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मार्गरेट हिल्दा थैचर या बैरनेस थैचर बीसवीं सदी में ब्रिटेन की ऐसी प्रधानमंत्री थीं जोकि लम्बे समय (1979 से लेकर 1990) तक ब्रिटेन का नेतृत्व करती रहीं। अपने समय की वे अकेली ऐसी महिला थीं, ‍जिन्होंने राजनीति में आकर इतनी ऊंचाइयां हासिल कीं। विवाह से पहले वे मार्गरेट हिल्दा राबर्ट्‍स थीं।

उनकी राजनीति में पैठ का यह आलम था कि एक रूसी पत्रकार ने उन्हें आयरन लेडी (लौह महिला) कहा था और बाद में यह शब्द उनके साथ जोड़ा जाता रहा। उन्होंने एक ऐसी नेतृत्व शैली विकसित की और उनकी राजनीति में समझौते की कोई गुंजाइश नहीं थी। इन अनुदारवादी नीतियों को उन्होंने अपनाकर ब्रिटेन में थैचरिज्म को जन्म दिया।

मार्गरेट का जन्म 13 अक्टूबर 1925 में हुआ था और वे 4 मई से 28 नवंबर तक पद पर रहीं। उन्होंने एडवर्ड हीथ से कुर्सी संभाली और बाद में जेम्स कैलाघन के लिए छोड़ दी। इससे पहले श्रीमती थैचर नेता प्रतिपक्ष भी रहीं। वे 11 फरवरी से 4 मई 1979 तक ब्रिटिश संसद में कंजरवेटिव को सत्ता दिलाने के लिए नेतृत्व करती रहीं।

उन्होंने एडवर्ड हीथ से सत्ता संभाली थी। उन्होंने संसद की फिंचली सीट से अपनी जगह बनाई थी। वे लिंकनशायर के ग्रेंथम नामक स्थान पर जन्मी थीं और अंतिम समय पर उनकी आयु 87 वर्ष थी। उनका 1951 मेंडेनिस थैचर से विवाह हुआ था जिनका 2003 में निधन हो गया था।

डेनिस और मार्गरेट के दो बच्चे हैं, जिनमें से बड़ी संतान उनकी बेटी कैरल थैचर है और मार्क थैचर उनका बेटा है। वे अपने अंतिम समय तक चेस्टर स्क्वायर स्थित बंगले में रहीं। उन्होंने सम‍रविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड से डिग्री हासिल की थी और वे राजनीति में आने से पहले पेशे से एक रिसर्च केमिस्ट थीं लेकिन चूंकि उन्हें राजनीति में अपना करियर बनाना था इसलिए उन्होंने इन्स ऑफ कोर्ट से वकालत भी पढी।

उनका मैथडिज्म में यकीन था और वे अंतिम समय में अल्जाइमर से भी पीड़ित हो गई थीं जिस कारण से उनकी बेटी कैरल उनकी घर पर रहकर देखभाल करती थीं। उनके निधन से ब्रिटेन ही नहीं वरन सारी दुनिया का एक महान नेता खो दिया। ब्रिटेन की राजनीति में उनकी वही हैसियत थी जो कि भारत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रही है।

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