शरद पवार के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक बेटी सुप्रिया सुले का नाम सीएम चेहरे के रूप में आगे करने के दांव के साथ महिला वोट बैंकं को साधने की कवायद के रुप में देख रहे है। दरअसल सुप्रिया सुले के एनसीपी में बढते कद के चलते ही भतीजे अजित पवार ने चाचा का साथ छोड़कर भाजपा और शिंदे गुटे के साथ जा मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव में सुप्रिय सुले ने अजित पवार की पत्नी को बारामती से लोकसभा चुनाव में मात दी थी।
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महाराष्ट्र की सियासत में 1960 से सक्रिय 84 साल के शरद पवार अपनी पॉवर पॉलिटिक्स के जाने जाते है। उम्र की सीमाओं के दरकिनार कर शरद पवार इस बार विधानसभा चुनाव में बेहद सक्रिय है और एक दिन में 6-7 चुनावी सभाओं में शामिल हो रहे है। अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे शरद पवार अपनी पार्टी को महाराष्ट्र में फिर से स्थापित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं, इसलिए वह हर वो सियासी दांव चल रहे है जिसका असर सीधे वोटरों हो रहा है। इतना ही नहीं शरद पवार अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ-साथ कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवारों के लिए भी चुनावी रैली कर रहे हैं।