हजारे ने कहा कि कृषि मूल्य आयोग को निर्वाचन आयोग जैसा संवैधानिक दर्जा देकर पूरी स्वायत्तता देना, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार कृषि उपज का मूल्य सी2+50 निर्धारित करना, फल, सब्जी और दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करना, किसानों को कर्जा मुक्त करने के बारे में उपाय करना, आयात-निर्यात नीति तय करना, आधुनिक तकनीकी कृषि औजार तथा पानी बचाने के लिए ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर इरिगेशन जैसे साधनों पर 80 प्रतिशत अनुदान लागू करना इन सभी मांगो पर विचार कर सही निर्णय लेने के लिए एक उच्चाधिकार समिति तुरंत गठित करने का आश्वासन दिया गया था।
समिति में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री, नीति आयोग के सदस्य रमेशचंद, समेत अन्य अन्य सदस्य होंगे। यह समिति 30 अक्टूबर 2019 से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने कहा कि इस कमेटी के रिपोर्ट के तहत केंद्र सरकार उपरोक्त मुद्दों पर उचित कार्रवाई करेगी इस प्रकार का लिखित आश्वासन पांच फरवरी 2019 को कृषिमंत्री राधामोहन सिंह और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रालेगणसिद्धी में आकर लिखित दिया था। इसका अभी तक पालन नहीं हुआ। इसलिए पांच फरवरी 2019 का रुका हुआ अनशन फिर से शुरू करने की सोच शुरू हो गई है। जल्द ही अनशन कहां और कब करना है, तिथि तय होने के बाद लिखकर आपको अवगत करूंगा। (वार्ता)