भोपाल। कृषि कानूनों के खिलाफ करीब 100 दिन से चल रहा किसान आंदोलन अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान आंदोलन के समर्थन में खुलकर आने वाली कांग्रेस ने अब मध्यप्रदेश में भी किसान पंचायत शुरु कर दी है। संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में आज कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश के रतलाम में पहली किसान पंचायत कर रही है। किसान पंचायत की अगुवाई प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव कर रहे है।
किसानों के समर्थन में किसान पंचायत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में किसान आंदोलन को किसान पंचायत के जरिए प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाएगी। हलांकि दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसान पंचायत के दौरान मंच पर वह न तो खुद बैठेंगे और न ही कांग्रेस पार्टी के नेता के तौर पर कोई शिरकत करेगा।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव भारतीय कृषक समाज के नेता के तौर पर किसान पंचायत के मंच पर नजर आएंगे और भाषण भी देंगे। किसान पंचायत को लेकर अरुण यादव ने कहा कि पूरे देश का किसान आज आंदोलित है और जब तक केंद्र सरकार काला कानून वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन चलेगा।
चुनाव में भाजपा के विरोध का किया है एलान-कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले तीन 3 महीनों से चल रहे आंदोलन को गैर-राजनीतिक विरोध बताने वाले किसान नेताओं ने बड़ा राजनीतिक एलान किया है। किसान नेताओं ने अब चुनावी राज्यों में BJP का विरोध करने का फैसला किया है । संयुक्त किसान मोर्चा किसान नेताओं को चुनाव वाले राज्यों में भेजेगा, जो वहां के किसानों से बीजेपी व उसके सहयोगी दलों के अलावा किसी दूसरे दल को वोट देने की अपील करेंगे । इसकी शुरुआत 12 मार्च को कोलकाता से होगी । इससे पहले भी किसान नेताओं की ओर से बीजेपी नेताओं को गांव-शहरों में नहीं घुसने देने की अपील की गई थी।