नए कृषि कानून पर सरकार और किसान संगठनों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और उस दिन दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अब दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है। कृषि कानूनों पर दोनों ही पक्षों के अपने-अपने रूख पर अड़े होने के बाद कोई सकारात्मक हल निकलने की उम्मीद हाल फिलहाल नजर नहीं आ रही है। इन सबके बीच किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देश के सभी नेशनल और स्टेट हाईवे पर चक्का जाम करने का एलान कर दिया है।
किसानों संगठनों के अक्रामक रुख और दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद अब दिल्ली की एक तरह से किलेबंदी के रूप में बदला जा रहा है। दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान अब दिल्ली फिर से न घुस पाए इसके लिए बॉर्डर पर पुलिस कई तरह के इंतजाम कर रही है। इसके लिए सिंघु बॉर्डर पर चार, टिकरी पर सात और गाजीपुर बॉर्डर पर 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। इसके साथ बॉर्डर पर चार फीट मोटी सीमेंट की दीवार खड़ी करने के साथ सड़क खोदकर नुकीले कील और सरिया लगाई जा रही है। जिससे अगर किसान अब दोबार अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की सीमा पर एंट्री की कोशिश करें तो उनके पहिए पंचर हो जाए।
किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान एकता मोर्चा ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती तस्वीरों को पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार की सिफारिश पर जिन 250 से अधिक ट्विटर हैंडल बंद किए गए थे जो किसान संगठनों के विरोध के बाद फिर शुरु कर दिए गए है।
उत्तरप्रदेश और दिल्ली सीमा पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर जहां भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में धरने पर बैठे है वहां पर लगातार किसानों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। किसानों की बढ़ती संख्या के बाद सीमा पर सुरक्षा इंतजाब बढ़ा दिए गए है। बॉर्डर यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस के जवानों के पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए है।
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े आशुतोष मिश्रा कहते हैं कि सरकार जिस आंदोलन के खिलाफ दमनकारी नीति अपनाती जा रही है वह एक तरह से आंदोलन को कुचलने की कोशिश है। वह कहते हैं कि जिस तरह गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई है उससे तो दिल्ली के लोग ही परेशान होंगे और सरकार ऐसा जानबूझकर कर रही है। वह कहते हैं कि सरकार की कोशिश कि किसी तरह किसान आंदोलन को मिल रहे जनसमर्थन को खत्म किया जाए।
You can't stop us with your barriers or nails! We were peaceful, are peaceful, will be peaceful. Don't provoke us with your planted goons. #FencingLikeChinaPak
वेबदुनिया से बातचीत में आशुतोष मिश्रा कहते हैं कि जिस तरह सोमवार को किसान एकता मोर्चा और किसान आंदोलन से जुड़े कई अन्य लोगों के ट्वीटर पर भी बैन लगा दिए गए थे जिनके अकाउंट से कोई भी विवादित पोस्ट नहीं हुई थी। वह सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि क्या सरकार दिल्ली में कश्मीर जैसे हालात बना देना चाहती है। वह कहते हैं कि किसान संगठन सरकार से बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन सरकार की तरफ से अब तक फिर से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है।