बहराइच (उत्तरप्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्ष पर केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर 'दुष्प्रचार' का आरोप लगाते हुए दावा किया कि देश के कृषि बाजार में विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाने वाले लोग आज देसी कंपनियों के नाम पर किसानों को डरा रहे हैं।
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराजा सुहेलदेव के स्मारक और चित्तौरा झील के विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर इन कानूनों के खिलाफ 'दुष्प्रचार' करने का आरोप लगाते दावा किया कि किसानों ने अब इस दुष्प्रचार में शामिल लोगों को बेनकाब करना शुरू कर दिया है। अन्य पार्टियों ने भी पूर्व में इसी तरह की कृषि सुधारों की पैरवी की थी लेकिन वे इन्हें लागू करने में नाकाम रहीं।
प्रधानमंत्री ने नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को इन सुधारों का सबसे ज्यादा लाभ होगा। देश में अनेक ऐसे सेनानी हैं जिनके योगदान को वह सम्मान नहीं दिया गया जिसके कि वे हकदार थे। नए कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों का लाभ छोटे और सीमांत किसानों को सबसे अधिक हो रहा है और उत्तरप्रदेश में नए कानूनों के बाद जगह-जगह से किसानों के बेहतर अनुभव भी सामने आने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के बावजूद उत्तरप्रदेश में इस बार पिछले साल की तुलना में दोगुना धान खरीदा गया। गन्ना किसानों को दिक्कत न हो इसलिए उन्हें हरसंभव मदद दी गई है। उत्तरप्रदेश के करीब 2.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से रुपए जमा किए जा चुके हैं और राज्य में बेहतर होती आधारभूत सुविधाओं का सीधा लाभ किसानों, गरीबों व ग्रामीणों को हो रहा है। कृषि उत्पादक संघों के गठन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1 या 2 बीघा जमीन वाले करीब 500 किसान परिवार जब संगठित होकर बाजार में उतरेंगे तो वे बड़े किसानों से भी ज्यादा ताकतवर होंगे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान न देने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि महाराजा सुहेलदेव के साथ भी यही प्रयास किया गया। इस कड़ी में उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी जिक्र करते कहा कि भारत के अनेक ऐसे सेनानी हैं जिनके योगदान को अनेक वजहों से मान नहीं दिया गया। चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ, वो क्या हम भूल सकते हैं? देश की 500 से ज्यादा रियासतों को एक करने का कठिन कार्य करने वाले सरदार पटेलजी के साथ क्या किया गया? इसे देश का बच्चा-बच्चा भी भली-भांति जानता है।
इस अवसर पर उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम स्थल चित्तौरा (बहराइच) में मौजूद थे। यह कार्यक्रम महाराजा सुहेलदेव की जयंती के उपलक्ष्य में उत्तरप्रदेश के बहराइच में आयोजित किया गया था। इस पूरी परियोजना में महाराजा सुहेलदेव की एक अश्वारोही प्रतिमा की स्थापना करना और एक कैफेटेरिया, अतिथिगृह तथा बच्चों के पार्क जैसी विभिन्न पर्यटन सुविधाओं का विकास करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क चिकित्सालय, बहराइच का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव पर रचित एक गीत सुनाया गया और एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के साथ प्रदेशवासियों को सुविधाएं दी जा रही हैं।
सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने महाराजा सुहेलदेव को लेकर कई कदम उठाए हैं। इससे पहले फरवरी 2016 में तत्कालीन भाजपा प्रमुख अमित शाह ने भारत-नेपाल सीमा के पास बहराइच जिले में सुहेलदेव की एक प्रतिमा का अनावरण और उन पर एक पुस्तक का लोकार्पण किया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने महाराजा सुहेलदेव की याद में एक विशेष टिकट जारी किया था और एक सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन 'सुहेलदेव एक्सप्रेस' भी चलाई थी। यह ट्रेन पूर्वांचल के गाजीपुर से लेकर दिल्ली के आनंद विहार तक चलाई गई थी। (भाषा)